पिंपरी- मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की पिंपरी चिंचवड शहर में हवा निकल गई. सत्ताधारी भाजपा के पदाधिकारियों की गलत नीति, निर्णय के चलते शहर कचरे के ढेर में तब्दील हो गया. आँख उठाकर जिधर देखो कचरा ही कचरा नजर आता है. आज भाजपा के नगरसेवक तुषार कामठे ने पालिका ठेकेदार की कचरा उठाने वाली गाडी में कचरा भरकर पालिका भवन में कचरा डालकर अपना विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन को कुंभकर्ण की नींद से जगाने का काम किया. उसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक मयूर कलाटे और पंकज भालेकर ने स्थायी समिति सभागृह के मुख्य दरवाजे पर कचरा डालकर अपने गुस्से का इजहार किया.
नगरसेवकों का कहना था कि जब से नए ठेकेदारों की नियुक्ति हुई वॉर्ड में कचरा उठाने की गाडियां नहीं आती. जो गाडियां आती है वो पहले की तुलना में आधी से कम संख्या में आती है. कुछ गाडियां इतनी बडी है कि छोटे रास्तों में नहीं जाती. बडी सडकों से होकर गुजर जाती है. कचरा कुंडी में डाला गया कचरा कई दिनों तक पडे रहने से सडने गलने लगा है जो आसपास के लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है.
1 जूलाई से कचरा घर घर संकलित करने के लिए दो नए ठेकेदारों कीे नियुक्ति की गई है. शहर को दो हिस्सों में बांटा गया है. उत्तर भाग का ठेका बीवीजी के पास तो दक्षिण का ठेका ए जी एन्वायरो को दिया गया है. बीवीजी के काम से काफी हद तक लोग संतुष्ट है मगर ए जी एन्वायरों का काम थर्ड क्लास साबित हुआ. इस ठेकेदार के पास कर्मचारी, गाडियों की संख्या बेहद कम है.
स्थायी समिति सभापति विलास मडेगिरी से जब इस बारे में पूछा तो कहा कि नगरसेवकों का गुस्सा विरोध प्रदर्शन गलत नहीं है. दक्षिण भाग के ठेकेदार ए जी एन्वायरों का कामकाज समाधान कारक नहीं है. शहर मे कचरे की समस्या को ध्यान में रखते हुए पालिका की ओर से 1 महिने के लिए फ्री ऑफ चार्ज तत्व पर 50 गाडी ड्राइवर के साथ मुहैया कराने का निर्णय लिया है. साथ ही ठेकेदार को निर्देश दिया गया है कि शीघ्र ही छोटी गाडियों की व्यवस्था करें.
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