पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा के सभापति विलास मडेगिरी और दो पत्रकार को मेट्रो ठेकेदार के कर्मचारी और बाऊंसरों ने जान से मारने की धमकी दी. कल का सूरज नहीं देख पाएगा, जान प्यारी है तो तुरंत कलटी ले ऐसी दादागिरी की भाषा करते करते सभापति, पत्रकार, चालक के अंग पर मारने के इरादे से आए. पुलिस के आने के बाद सबकी जान बची. ऐसी जानकारी आज पत्रकार परिषद में सभापति विलास मडेगिरी ने दी. इस शर्मनाक घटना का निषेध करके आज स्थायी समिति सभा स्थगित की गई.
क्या है घटनाक्रम ? श्री विलास मडेगिरी ने घटना की सविस्तार जानकारी देते हुए कहा कि वो अपने कुछ मित्र पत्रकार विजय भोसले, बापू गोरे, बाबू कांबळे, को लेकर खाना खाने गए थे. वापस मनपा भवन लौटते समय मोरवाडी चौक पर मेट्रो के ठेकेदार नागार्जुन कंपनी के कर्मचारी महामार्ग पर बेरिकेट लगाकर आने-जाने का दोनों रास्ता बंद रखा था. सभापति, पत्रकारों ने दो मिनट के लिए रास्ता खोलने व कार जाने देने का आग्रह किया. कर्मचारियों, इंजीनियरों ने रास्ता खोलने से साफ इंकार कर दिया. उलटा पुलिस कमिश्नर के पास से रास्ता खोलने की लिखित अनुमति लाने की नसीहत दी. तू तू, मैं,मैं होने से माहौल बिगडा और कर्मचारियों ने फोन करके 4 बाऊंसरों को बुला लिया. सभापति ने अपना परिचय भी बताया . कुछ बाऊंसरों , कर्मचारी सभापति विलास मडेगिरी को जानते थे. इसके बावजूद दादागिरी, अरे, तूरे की भाषा करते हुए मारने के इरादे से अंग पर आए. सभापति ने रास्ता बंद करने की अनुमति, नियमावली बोर्ड, डायरेक्शन फलक के बारे में पूछा मगर कोई जवाब नहीं मिला. सभापति को खूलेआम धमकी देते हुए बाऊंसरों ने कहा कि तुरंत कलटी हो जाओ वर्ना कल का सूरज नहीं देखेगा. कुछ समझदार व्यवस्थापक, इंजीनियर माफी भी मांग रहे थे तो दूसरी ओर बाऊंसर, कर्मचारी फुल दादागिरी भी कर रहे थे. पुलिस को आते देख दादागिरी करने वाले नौ दो ग्यारह हो गए.
रात 10.30 से 2 बजे तक ड्रामा चलता रहा. इसी बीच सभापति ने पुलिस कमिश्नर समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मैसेज द्धारा घटना की आपबीती बतायी, पालिका आयुक्त श्रावण हर्डीकर को भी फोन किए मगर वो फोन नहीं उठाए.
सभापति ने आज क्या दिया आदेश ? सभापति विलास मडेगिरी ने एक पत्र भेजकर मेट्रो कंपनी को 15 दिनों तक पूर्ण रुप से काम बंद रखने का आदेश जारी किया. सभागृह के अंदर घटना का निषेध भी किया गया. एक सम्मानित जनप्रतिनिधि, सभापति के साथ ऐसा दुर्व्यवहार हो सकता है तो आम जनता के साथ ये बिगडैल कर्मचारी कैसा बर्ताव करते होंगे ? ऐसा सवाल सभापति ने खडा किया. मडेगिरी पुलिस में एक एफआयआर भी दर्ज कराने की बात कही है ताकि धमकी देने वालों को कानूनी सजा मिल सके.
आयुक्त ने क्या आदेश दिया? श्रावण हर्डीकर ने स्थायी समिति में उपस्थित मेट्रो के अधिकारियों को आदेश दिया कि सारे घटनाक्रम के बारे में 20 घंटे के अंदर जांच पडताल करके सही रिपोर्ट सौंपे. आयुक्त आज मेट्रो से संंबंधित एक बैठक के लिए दिल्ली रवाना हो गए. मेट्रो के संचालक व्रजेश दीक्षित भी बैठक में रहेंगे. घटना के बारे में संभवता शिकायती चर्चा होगी.
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