महापौर ने उडाई विरोधी पक्षनेता की खिल्ली
पिंपरी- भोसरी का राजनीतिक दंगल बेहद रोचक होने जा रहा है. विदेश यात्रा से लौटने के बाद एक बार फिर विरोधी पक्षनेता दत्ता काका साने एक्शन मूड में नजर आए. भोसरी के विधायक महेशदादा लांडगे को Open Challenge देते हुए दत्ता काका ने कहा कि जब तक महेशदादा की भैंस पानी में नहीं डाल देता तब तक अपने सिर की चोटी नहीं काटूंगा. ऐसी भीष्म प्रतिज्ञा महापौर कार्यालय में महापौर राहुल जाधव के बाजू में बैठकर ली.
श्री दत्ता काका साने ने पत्रकारों से आगे कहा कि शिरुर लोकसभा चुनाव में डॉ. अमोल कोल्हे की जीत से महेशदादा हैरान, परेशान है. अपनी अस्तित्व को टिकाने के लिए हर दांव आजमा रहे है. लेकिन काका के चरखा दांव के आगे महेशदादा का एक भी दांव नहीं चलेगा. भोसरी परिसर में कई अवैध धंधों, गुंडागर्दी, खूलेआम हफ्ता वसूली से स्थानीय जनता, व्यापारी, दूकानदार, हाथगाडी, पथारी, कंपनी चालक परेशान है. भोसरी में परिवर्तन करने के लिए लोग निर्णय ले चुके है. लोकसभा चुनाव में 37 हजार अधिक मत शिवसेना उम्मीदवार शिवाजीराव आढळराव पाटिल को मिला ऐसा ढिंंढोरा महेशदादा और उनके बगल बच्चे पीट रहे है. जबकि सच्चाई यह है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 50 हजार वोट भोसरी से कम करके शिवाजीराव के हॅट्रिक पर ब्रेक लगाया.
महापौर ने विरोधी पक्षनेता की उडाई खिल्ली – महापौर कार्यालय में महापौर राहुल जाधव के बाजू में बैठकर दैवत महेशदादा को दत्ता काका ओपन चैलेंज करें और भक्त प्रहलाद चुपचाप सुनकर लें यह हो नहीं सकता. महापौर ने पलटवार करते हुए काका की खिल्ली उडाई. कहा कि 2009, 2014 के विधानसभा चुनाव में दत्ता काका साने ऐसी ही भीष्म प्रतिज्ञा करके इंद्रदेवता की तरह गरजे थे मगर बरसे नहीं. नामांकन पत्र तक नहीं भरे. महेशदादा को ही समर्थन देकर अपने ही राष्ट्रवादी के अधिकृत उम्मीदवार विलास लांडे को हराने का काम किया. इस बार भी काका नामांकन पत्र नहीं भरेंगे. केवल गर्जना, दहाडना, ललकारना उनका स्वभाव बन गया है. हमारा दैवत दोबारा चुनकर आएगा. चाहे आसमान चमके या धरती फटे, कोई फरक पडने वाला नहीं.
दत्ता काका और एकनाथ पवार के बीच गुफ्तगू – महापौर कार्यालय से निकलने के बाद काका सत्तारुढ नेता एकनाथ पवार के कार्यालय पहुंचे और उनके एन्टी चेंबर में 20 मिनट तक गुफ्तगू की. यह कौतूहल का विषय बना रहा कि आखिर काका-दादा में कौन सी खिचडी पक रही है. आपको बताते चलें कि भोसरी विधानसभा से एकनाथ दादा पवार भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार के रुप में उभरे है. काका-दादा दोनों के टारगेट में महेशदादा लांडगे है. वैसे राजनीति और प्यार में सब जायज होता है. कौन कब किसकी भैंस पानी में डाल दे यह कहना अभी जल्दबाजी होगी.