पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा के घूसखोर निलंबित 16 कर्मचारियों को वापस काम पर लेने के बदले सत्ताधारी भाजपा के 2 बडे पदाधिकारी और प्रशासन के संबंधित अधिकारियों ने मिलकर 2 करोड रुपये की रिश्वत खाया और निलंबित कर्मचारियों को वापस काम पर बुलाया. इसमें प्रत्येक को 10-15 लाख रुपये की रिश्वत मिली है. विरोधी पक्ष के कुछ लोग भी इस गोरखधंधे में शामिल है. ऐसा आरोप लगाकर सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर ने सबको चौंका दिया.
भापकर ने बताया कि एन्टी करप्शन पुलिस ने कुछ कर्मचारियों को ऑन डियूटी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा था. लघुलेखक राजेंद्र शिर्के का नाम सबसे ऊपर आता है जो एक बांधकाम बिल्डर से 12 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड गया था. माध्यमिक विभाग के प्रभारी शिक्षणाधिकारी अलका कांबळे और मुख्याध्यापक बाबासाहेब राठोड को एन्टी करफ्शन ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा था. ऐसे अन्य 16 कर्मचारी विभिन्न संगीन मामलों में निलंबित थे. जिन पर कोर्ट में मामला विचाराधीन है और विभागीय जांच चल रही है. इस मामले में पालिका प्रशासन ने एक जांच समिति का गठन की है जिसके अध्यक्ष खुद आयुक्त श्रावण हर्डीकर है. प्रशासन प्रमुख मनोज लोणकर संदेह के घेरे में है. आयुक्त इनकी विभागीय जांच करके कार्रवाई करें और दागी सभी 16 कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश दें वर्ना यह समझा जाएगा कि इस गोरखधन्धे में आयुक्त की भी रजामंदी है.
एकनाथ पवार ने क्या कहा? पालिका में सत्तारुढ नेता एकनाथ पवार से जब हमारे संवाददाता ने इस बारे में पूछा तो श्री पवार ने बताया कि उनके संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया वो आयुक्त को पुर्न नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश दिया है. साथ ही प्रशासन अगर गलत निर्णय लेकर सत्ताधारी भाजपा को बदनाम करने की कोशिश करेगा तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. श्री पवार ने कहा कि यह निर्णय प्रशासन का है. सत्ताधारी भाजपा पदाधिकारियों से इस बारे में कोई चर्चा नहीं की गई. भाजपा के किसी भी पदाधिकारी का दूर दूर तक कोई संबंध नहीं. दागी कर्मचारियों पर जांच पूरी होने तक नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग आयुक्त से की गई है.
Tags प्रशासन ने खाया रिश्वतखोरों से रिश्वत- भापकर भाजपा पदाधिकारी
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