मुंबई. विधान परिषद के पूर्व सभापति व कांग्रेस सदस्य रहे शिवाजीराव देशमुख के निधन से रिक्त हुई सीट पर 7 जून को उपचुनाव होगा। इसमें विधानसभा के सदस्य मतदान करेंगे। मौजूदा संख्या बल के आधार पर भाजपा-शिवसेना युति विपक्षी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पर भारी है। उपचुनाव के लिए भाजपा सहयोगी दल शिवसेना के साथ मिलकर उम्मीदवार उतारने का फैसला करती है तो पार्टी की जीत तय है।
विधान सभा में भाजपा और शिवसेना के विधायकों की संख्या सबसे अधिक है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा फिलहाल भाजपा के 120 और शिवसेना के 60 विधायक ह््ैं। जबकि कांग्रेस के 42 और राष्ट्रवादी कांग्रेस के 40 विधायक ह््ैं। वहीं 7 निर्दलीय और 13 छोटे दलों के विधायक ह््ैं। विधानसभा में फिलहाल 6 सीटें रिक्त ह््ैं।उपचुनाव में विपक्ष को यदि निर्दलियों और छोटे दलों के विधायकों का समर्थन मिल जाता है तो भी विपक्ष के उम्मीदवार को सफलता मिल पाना मुश्किल है। सूत्रों के अनुसार उपचुनाव के निर्विरोध होने की संभावना ज्यादा है।
इस सीट पर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को केवल 11 महीने कामकाज करने का समय मिल सकेगा। इस सीट पर सदस्य का कार्यालय 24 अप्रैल 2020 तक ही है। उपचुनाव के लिए 21 मई को अधिसूचना जारी होगी। इसके बाद 28 मई तक नामांकन भरा जा सकेगा। 29 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 31 मई को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। उपचुनाव के लिए 7 जून को सुबह 9 से 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे। इसी दिन शाम 5 बजे के बाद से मतगणना होगी।
Tags विधान परिषद की रिक्त सीट पर 7 जून को उपचुनाव
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