पिंपरी- जुमलेबाज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ आज सर्वदलीय मोर्चा व रास्ता रोको आंदोलन किया गया. इस समय आंदोलनकारियों ने आपा खोया और आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेताओं का नियंत्रण टूटा. छावा संघटना के अध्यक्ष धनाजी पाटिल ने मावल के शिवसेना सांसद श्रीरंग आप्पा बारणे और भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप को गालियां देना शुरु किया. शिवसेना शहर अध्यक्ष योगेश बाबर और गुटनेता राहुल कलाटे के सामने श्रीरंग बारणे को गालियां दी गई. जिसका तीव्र विरोध बाबर, रोमी सिंधू, युवराज दाखले ने किया. हंगामा इतना बढा की मनसे के नगरसेवक को माफी मांगनी पडी. इतने से भी हंगामा शांत नहीं हुआ. रिंग रोड के बाधित कुछ महिलाओं ने भी शिवसेना पदाधिकारियों के विरोध में उतर आयी. महिलाओं ने कहा आज उनका घर गिराया जा रहा है उसके लिए विधायक, सांसद दोनों जिम्मेदार है. हरामखोर शब्द का इस्तेमाल क्यों न करें? इसके लिए माफी मांगने की कोई जरुरत नहीं. शिवसेना के शहर अध्यक्ष बाबर और गुटनेता राहुल कलाटे के बीच भी विरोधाभास दिखाई दिया. दोनों के बीच गुटबाजी दिखी. इधर विरोधी पक्षनेता दत्ता साने ने सभी आक्रोषित आंदोलनकारियों को शांत कराने की कोशिश करते नजर आए. बाद में हमारे संवाददाता ने छावा संघटना के अध्यक्ष धनाजी पाटील से पूछा कि वो अपने शब्द पर कायम है या नहीं? तो उनका कहना था कि जिस शब्द का वो इस्तेमाल किया वो एकदम सही था. कोई पछतावा नहीं. वो अपने शब्दों पर कायम है.
आपको बताते चलें कि आज पिंपरी चिंचवड के अवैध बांधकाम , शास्तीकर, संतपीठ भ्रष्ट्राचार, भोसरी हॉस्पिटल निजीकरण,पीएमपी की नई बसें खरीदी, रिंग रोड समस्या, रेडजोन के मुद्दे पर मनपा भवन का घेराव आंदोलन किया गया. इस आंदोलन का नेतृत्व राकांपा शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे, विरोधीनेता दत्ता साने , शिवसेना के शहर अध्यक्ष योगेश बाबर, गुटनेता राहुल कलाटे. मनसे के सचिन चिखले, सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर, कांग्रेस अध्यक्ष सचिन साठे, छावा संघटना, समाजवादी पार्टी आदि के नगरसेवक, पदाधिकारी, कार्यकर्ता सैकडों की तादाद में शामिल थे. मनपा भवन के सामने मानवी घेराव किया और रास्ता रोको आंदोलन किया. आधा घंटे तक महामार्ग बाधि रहा. आंदोलन में महिलाओं की संख्या काफी दिखी. मुख्यमंत्री के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई. नागपुर का पोपट जैसे शब्दों से घोषणाबाजी हुई. आंदोलनकारियों के हाथों में गाजर और फलक बोर्ड लहराते हुए दिखा. आयुक्त श्रावण हर्डीकर की सरकारी गाडी को गाजर की माला पहनाई गई. आंदोलन बाद में सभा में तब्दील हो गई. एक एक वक्ताओं को बोलने का मौका मारुति भापकर दे रहे थे. दूसरे नंबर में छावा संघटना के पाटिल को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया. विधायक व सांसद को वो गालियां देनी शुरु कर दी. इतने में शिवसेना की ओर से तीव्र विरोध करने से सभा में हंगामा मच गया. अफरा तफरी मच गई. नेतृत्व करने वाले लीडर सभा आधी अधूरी समाप्त करने में भलाई समझी.