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संतपीठ और हॉस्पिटल का निजीकरण मतलब महेश लांडगे की रोजी रोटी का इंतजाम- दत्ता साने


पिंपरी- कोई माई का लाल इस धरती पर पैदा नहीं हुआ जो दत्ता साने को मैनेज कर सके. भाजपा के ऑफर को लात मारी और महासभा में संतपीठ और भोसरी के पालिका हॉस्पिटल के निजीकरण के मुद्दे का जमकर विरोध किया. बिना चर्चा कराए महापौर ने दोनों विषयों को मंजूरी दी. इसका मतलब यह हुआ कि महापौर के दैवत भोसरी के विधायक महेशदादा लांडगे के चुनाव हारने के बाद 30 साल तक उनके लिए रोेजी रोटी का इंतजाम किया गया है. ऐसा भडकीला, जोशिला आरोप आज पत्रकार वार्ता में विरोधी पक्षनेता दत्ता काका साने ने लगाया.
मालूम हो कि कल पिंपरी चिंचवड मनपा महासभा के दौरान चिखली में संतपीठ और भोसरी के पालिका हॉस्पिटल को निजीकरण करने के विषय पर भारी हंगामा हुआ था. मानदंड छीनने, माइक तोडने जैसी घटना घटी. शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे, मनसे के सचिन चिखले ने पत्रकार परिषद लेकर आरोप लगाया था कि भाजपा-राष्ट्रवादी दोनों की मिलिभगत के चलते बिना चर्चा कराए दोनों विषयों को आनन-फानन में मंजूर किया गया. भाजपा वालों ने विरोधी पक्षनेता दत्ता काका साने को मैनेज कर लिया है. आज दत्ता साने इसी आरोप का जवाब देते हुए कहा कि वो राजनीति में व्यवसाय करने नहीं आए, जनता की सेवा के लिए आए है. धरती पे ऐसा कोई पैदा नहीं जो दत्ता साने को मैनेज कर सके.कल दादागिरी करके व विरोधकों की आवाज दबाकर विषय को मंजूर किया गया उसका राष्ट्रवादी कांग्रेस जाहीर निषेध करती है और आयुक्त इस विषय को दोबारा चर्चा के लिए महासभा के अंदर लाएं ऐसी मांग करते है.श्री साने ने यह भी कबुल किया कि उनको मैनेज करने के लिए ऑफर दिया गया था मगर वो ऑफर को लात मारकर अपने विरोधी नेता होने का फर्ज निभाया और अपने नेता व पार्टी का मान सम्मान बढाने का काम किया. मतदान की मांग को अनदेखी करके महापौर ने बिना चर्चा विषय को मंजूर किया. सभागृह के अंदर भाजपा नगरसेवकों की संख्या कम थी.जो उपस्थित थे उसमें से अधिकांश भाजपा नगरसेवक विरोध में मतदान करने वाले थे. महापौर ने अपने दैवत विधायक महेशदादा लांडगे के चुनाव हारने के बाद 30 साल तक उनकी रोजी रोटी का इंतजाम अवश्य करके अपनी भक्ति का अनोख नमूना पेश किया.
दूसरी ओर महापौर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वो दत्ता साने को बोलने का पूरा मौका दिया था. मगर उनको केवल हंगामा ही करना था. मैनेज की बात पर महापौर ने कहा कि दत्ता साने को बेवजह बदनाम किया जा रहा है. वो ऐसे नहीं है.

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