पुणे, महाराष्ट्र आतंक रोधी दस्ते के प्रमुख अतुलचंद्र कुलकर्णी ने शुक्रवार को कहा कि अकेले आतंकी हमला करने की घटनाएं और ऐसी साजिश रच रहे लोगों को चिन्हित करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने की जरूरत है जिससे विस्फोटकों से लदे वाहनों की समय पर पहचान हो सके। यह आगामी चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में रैली और रोड शो का आयोजन होगा। कुलकर्णी यहां हाई इनर्जी मेटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी (एचईएमआरएल) द्वारा विस्फोटकों की पहचान पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिंता इस बात की है कि भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर अकेले व्यक्ति (लोन वुल्फ) द्वारा आतंकी घटना को अंजाम देने की घटनाएं हो सकती हैं। व्यक्ति ऑनलाइन सामग्री के जरिए कट्टर बनता है और डार्कनेट में चैट ग्रुप से निर्देश लेता है। ऑनलाइन जरिए से वह सभी तरह के निर्देश लेता है कि कैसे आईईडी बनाएं। ऐसे ही एक मामले का ब्यौरा साझा करते हुए कुलकर्णी ने कहा कि ऑनलाइन प्रशिक्षण लेकर कट्टर बने एक युवक ने स्थानीय बाजार से सब कुछ हासिल कर लिया और डार्कनेट के जरिए विदेश से निर्देश ले रहा था। डार्कनेट का संदर्भ ऐसे इंटरनेट पोर्टल के लिए दिया जाता है जिसका संचालन गैरकानूनी गतिविधियां चलाने के लिए गुप्त तौर पर होता है। कुलकर्णी ने कहा कि सौभाग्य से दो प्रयासों के बावजूद वह युवक आईईडी विस्फोट नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान कर पाना कठिन होता है क्योंकि ये लोग ऊपर से बेहद सामान्य जिंदगी जीते हैं।
Tags अकेले आतंकी वारदात को अंजाम देने की घटनाएं चिंता का विषय : महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख
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