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प्रधानमंत्री के स्मार्ट सिटी योजना टेंडरिंग में रिंग, मुख्यमंत्री कार्यालय से दबाव


टेंडर प्रक्रिया अभी तक फाइनल नहीं, नेगोशिएबल संभव- एकनाथ पवार
पिंपरी-देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी. पिंपरी चिंचवड शहर का नाम स्मार्ट सिटी योजना की सूची में शामिल हुआ जो शहरवासियों के लिए एक गर्व की बात थी. अब स्मार्ट सिटी के कामों को धरातल में उतारने के लिए मनपा की ओर से टेंडरिंग प्रकिया शुरु की गई है. देश की कई नामचीन कंपनियां टेंडर भरने के लिए अपना रेट दर पेश की. मगर एक निर्धारित कंपनी को ही 250 करोड का ठेका मिले इसके लिए कई नियमों, शर्तों में परिवर्तन किया गया. ताकि सारी स्पर्धक कंपनियां रेस से बाहर हो जाए और एक निर्धारित राष्ट्रीय मल्टिस्टार कंपनी को ही ठेका मिले. इसके लिए मास्टर प्लान बनाया गया. प्रधानमंत्री के स्मार्ट सिटी योजना में भी भ्रष्ट्राचार का दीमक लग सकता है? और यह दीमक मुख्यमंत्री कार्यालय से चलकर पालिका भवन पहुंच सकता है? यह बेहद गंभीर और अश्‍चर्यजनक बात है.
सत्ताधारी भाजपा के नगरसेवक शत्रुघ्न काटे ने सबसे पहले आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी टेंडरिंग प्रक्रिया में रिंग हुआ है. एल अण्ड टी कंपनी को ठेका देने का प्रयास हो रहा है.आज विरोधीपक्षनेता दत्ता काका साने ने आयुक्त को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी योजना के पहले ही ठेका में रिंग किया गया और मुख्यमंत्री कार्यालय से ठेका देने के लिए पालिका अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है. पिंपळेगुरव व सौदागर परिसर का स्मार्ट सिटी काम के लिए चयनित किया गया है. पहला ठेका 250 करोड का है. एल एण्ड टी कंपनी ने 8.34 प्रतिशत बढोत्तरी का टेंडर भरा फिर भी इसी कंपनी को ठेका देने पर मुख्यमंत्री कार्यालय और मनपा आयुक्त समेत कुछ अधिकारी मेहरबान है. टेंडरिंग प्रक्रिया में स्पर्धा नहीं हुई. इतना नियम, शर्त लगाया गया ताकि एल एण्ड टी को छोडकर कोई अन्य कंपनी को ठेका न मिल सके. इस योजना में केंद्र सरकार की ओर से सलागार की नियुक्ति हुई. मगर पालिका की ओर से एक और सलागार की नियुक्ति हुई. सलागार के ऊपर सलागार की नियुक्ति करना भी नियमों शर्तो की पूर्तता का एक हिस्सा है. बिना स्पर्धा कराए ठेका एल एण्ड टी कंपनी को दिया गया तो 21 करोड का भ्रष्ट्राचार होगा. ऐसा आरोप दत्ता साने ने लगाया. श्री साने ने अपने आरोप की पुष्ठि करते हुए कहा कि निविदा प्री-बिड मीटिंग में कई कंपनियां हिस्सा ली. मगर टेंडरिंग प्रोसेस में शामिल क्यों नहीं हो सकी? भाजपा का नगरसेवक रिंग होने का आरोप लगाया इसमें कहीं न कहीं सच्चाई अवश्य छुपी है. क्या मानकर चलें कि ना भय ना भ्रष्ट्राचार, पारदर्शक कारभार, साफ नियत सही विकास के मार्ग से भाजपा भटककर अब जमकर खाएंगे और अकेले खाएंगे के रास्ते पर चल पडी है.
विरोधी पक्षनेता दत्ता साने ने चेतावनी दी है कि आगामी स्मार्ट सिटी की बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रतिनिधि के नाते उनका तीव्र विरोध रहेगा. टेंडर प्रक्रिया रद्द करके दोबारा निविदा प्रक्रिया की जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो राष्ट्रवादी कांग्रेस तीव्र आंदोलन करेगी और उच्च न्यायालय में चुनौति देगी.
स्मार्ट सिटी टेंडरिंग में रिंग होने के मुद्दे पर पत्रकारों से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्तारुढ नेता एकनाथ पवार ने कहा कि अभी तक टेंडर फाइनल नहीं हुआ है. रेट दर में नेगोशिएबल हो सकता है. अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि इसमें रिंग या भ्रष्ट्राचार हुआ है. सत्ताधारी के नाते हमारी बारिक नजर है. प्रशासन हमारी आंखों में धूल नहीं झोंक सकता. प्रधानमंत्री के इस स्मार्ट सिटी योजना को बदनामी अथवा भ्रष्ट्राचार की भेंट नहीं चढने देंगे. आरोप लगाने वालों को एकनाथ पवार ने ऐसे शब्दों से आश्‍वास्त किया.

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