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पुणे विद्यापीठ में महिला सहकर्मी पर उत्पीडन का आरोप, भूख हडताल करेगा प्रोफेसर

पुणे-सावित्रीबाई फूले पुणे यूनिवर्सिटी (एसपीपीयू) में दो सहकर्मियों के बीच विवाद सामने आया है। यहां हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रफेसर डॉ. नितिन गायकवाड़ ने महिला सहकर्मी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दे डाली। वहीं आरोपी सहकर्मी ने दावा किया कि प्रफेसर खुद सभी महिलाकर्मियों के साथ काफी बुरा बर्ताव करते ह््ैं। महिला सहकर्मी ने यह भी कहा कि असिस्टेंट प्रफेसर ने यह आरोप उनकी छवि खराब करने के लिए लगाया है।
दो कर्मचारियों के बीच इस घमासान से यूनिवर्सिटी के अन्य स्टाफ परेशान ह््ैं। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच विवाद कई महीनों से जारी था। शनिवार को असिस्टेंट प्रफेसर डॉ. नितिन गायकवाड़ ने एसपीपीयू के वाइस चांसलर, प्रो-वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार को एक पत्र लिखकर कहा कि उसी विभाग में कार्यरत एक टेक्निकल असिस्टेंट पिछले दो साल से उनके साथ उत्पीड़न कर रही ह््ैं। अगर उनका तत्काल प्रभाव के साथ ट्रांसफर नहीं किया जाता है तो वह 21 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।डॉ. गायकवाड़ 2016 में विभाग में शामिल हुए ह््ैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला स्टाफर उन्हें परेशान करने और बाहर निकालने के लिए बहाने ढूंढती रहती ह््ैं। उन्होंने लिखा कि वह इस संबंध में पहले भी शिकायत कर चुके हैं जिसके बाद यूनिवर्सिटी अथॉरिटी ने उसे स्वीकार किया और मामला सुलझाने के लिए 2017 में कमिटी भी गठित की।उन्होंने लिखा, ’करीब 14 महीने पहले कमिटी की रिपोर्ट ने परेशानी खड़ी करने वाली महिला के दूसरे विभाग में ट्रांसफर के लिए सिफारिश की थी लेकिन आज की तारीख में उनका हिंदी विभाग में काम करना मुझे मानसिक पीड़ा दे रहा है।’ वह इसके पीछे वजह बताते हुए लिखते हैं कि महिलाकर्मी ने भी असिस्टेंट प्रफेसर पद के लिए आवेदन किया था लेकिन नितिन का चयन होने के बाद से महिलाकर्मी उनसे अपमानजनक तरीके से बात करने लगी। उन्होंने कहा, ’वह लगातार लोगों को मेरे पास भेजकर मुझे पद छोड़ने की धमकी दिलवाती ह््ैं।’उन्होंने लिखा, ’एसपीपीयू प्रशासन महिला के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहा है इसलिए मेरे पास भूख हड़ताल पर बैठने के अलावा और कोई चारा नहीं है।’ वहीं आरोपी महिलाकर्मी ने अपनी सफाई में कहा, ’मेरा ट्रांसफर लाइब्रेरी में कर दिया गया था लेकिन बाद में मुझसे कहा गया कि वहां कोई पद फिलहाल उपलब्ध नहीं है इसलिए मैं अपने वर्तमान पद पर ही बनी रहू्ं।’उन्होंने आगे कहा, ’डॉ. नितिन ने जब से जॉइन किया है, वह हमेशा मुझे धमकाते रहते ह््ैं। यहां तक कि मैंने पिछले एक साल से उनसे बात नहीं की है। वह सभी महिला कर्मचारियों से काफी रूड बिहेव करते हैं और हम उनसे बात करने में घबराते ह््ैं। अब मैं उनके खिलाफ अधिकारियों से शिकायत करूंगी।’ उधर, यूनिवर्सिटी के उच्च पदाधिकारियों के यह मामला काफी जटिल बन गया है। उनका मानना है कि प्रफेसर का भूख हड़ताल की धमकी देना काफी कठोर कदम है। यूनिवर्सिटी दोनों के बीच कॉमन मीटिंग के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश कर रहा है।

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