पुणे-महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली एक 40 वर्षीय मां ने अपनी बेटी को किडनी देकर उसकी जान बचाई है। पुणे के एक अस्पताल में यह किडनी ट्रांसप्लांट 2 नवंबर को सरकारी अस्पताल में किया गया था। डॉक्टरों की मानें तो यह ट्रांसप्लांट सफल रहा।19 साल की छात्रा की दोनों किडनियां फेल हो गई थीं। बीते छह महीनों से उसकी डायलसिस चल रही थी। सीनियर सर्जन डॉ. अजय चंदनवाला ने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची और उसकी मां दोनों ही ठीक हैं। यह किडनी ट्रांसप्लांट सरकार की महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना के तहत की गई है इसलिए ट्रांसप्लांट का कोई खर्चा नहीं आया है नहीं तो प्राइवेट अस्पताल में ट्रांसप्लांट के 10 से 15 लाख रुपये खर्च होते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि परिवार पुणे के जुन्नार तालुका के चंकूर गांव का रहने वाला है। किडनी देने वाली महिला घरेलू हैं और उनके पति एक ट्रक ड्राइवर हैं। उनकी बेटी कॉलेज में पढ़ती है। डॉ. गोविंद कसत ने बताया कि छात्रा को एसएलई बीमारी का तीन साल पहले पता चला था। वह इसकी दवाएं लेती थी लेकिन वह भी नियमित नहीं हो पाता था।
पुणेः 40 वर्षीय मां ने 19 साल की बेटी को किडनी देकर बचाई जान
डॉ. ने बताया कि एसएलई एक अलग तरह का प्रोटीन है जो यूरीन से बाहर नहीं निकलता है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ इसका असर खत्म हो जाता है लेकिन इस बच्ची के केस में ऐसा नहीं हुआ। उसकी किडनी प्रभावित हो गई। इस ट्रांसप्लांट में नेफ्रॉलजिस्ट अभय सदरे, गोविंद कसत, यूरोलॉजिस्ट सुरेश पटनकर, शंकर मुंडे यूरो सर्जन राजेश शरोत्री, सर्जन नचिकेत पुरंडरे, विद्या केलकर, सुरेखा शिंदे और योगेश गावली डॉक्टर्स शामिल थे।