पिपरी- सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर को 11.30 घंटे पिंपरी पुलिस थाने में बैठाकर रखने के बाद शाम 8.30 बजे रिहा किया गया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का निगडी में कार्यक्रम समाप्त होने पर उनका कारवा देहूरोड तक पहुंचने के बाद रिहाई हुई. आज भापकर अपने साथियों के साथ धरना आंदोलन करने वाले थे. पुलिस ने रात को ही नोटीस थमाकर आंदोलन न करने की हिदायत दी थी. मगर भापकर अपने घोषित आंदोलन पर अडे थे. आज सुबह 9 बजे उनको मोहननगर के निवास स्थान से सोते हुए गिरफ्तार करके पिंपरी थाना लाया गया. सहआयुक्त मकरंद रानडे के आदेशानुसार मोहननगर चौकी के उप पुलिस निरिक्षक शेख ने गिरफ्तार किया
आज पिंपरी चिंचवड शहर में पहली बार पुलिस प्रशासन का दमनकारी व शर्मनाक कार्रवाई देखने को मिली. 25 सालों से जनता के ज्वलंत मुद्दों को लेकर शासन-प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करता आया हूँ. लेकिन जनता की आवाज को दबाकर, लोकतंत्र का गला घोेंटकर जबरन ऐसी गिरफ्तारी पहली बार हुई. भाजपा को सत्ता का अहंकार व घमंड हो गया है. आने वाले लोकसभा, विधानसभा चुनाव में जनता हिसाब किताब चुकता करेगी. ऐसी प्रतिक्रिया भापकर ने हमारे संवाददाता को दी.
मेरी गिरफ्तारी मोदी-फडणवीस के बगल बच्चों द्धारा यह अघोषित आपातकाल जैसा है. जहां लोकतंत्र में अपनी बात करने व रखने का अधिकार नहीं. यह कार्रवाई लोकतंत्र के विरुद्ध है. मोदी व फडणवीस झूठ बोलकर जनता के साथ वादाखिलाफी की और सत्ता पाए. चुनाव में जो वादा जनता से किए थे उसे याद दिलाने के लिए मैं धरना आंदोलन के माध्यम से ध्यानाकर्षण करने वाला था तो मुझे गिरफ्तार करके 11 घंटे बेवजह परेशान किया गया. झूठा वादा, जनता से वादाखिलाफी व फंसाने के जूर्म में क्या पुलिस प्रशासन मोदी- फडणवीस के खिलाफ गुनाह दर्ज करेगी? ऐसा भी सवाल भापकर ने किया. लोकतंत्र को बचाने के लिए 11.30 घंटे तो क्या 9 साल जेल में रहने को मैं तैयार हूं.
Tags 11 घंटे बाद भापकर की रिहाई भाजपा को सत्ता का अहंकार
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