ये तो पुलिस की तानाशाही, लोकतंत्र की हत्या, विरोध प्रदर्शन हर कीमत पर होगा, मैं और मेरे आंदोलकारी साथी गिरफ्तारी देने को तैयार – भापकर
पिंपरी-आजाद भारत में संविधान ने हर नागरिक को अपनी बात शांतिपूर्ण ढंग से रखने का अधिकार दिया है. शहर की मूलभूत समस्या की ओर मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण कराने के लिए विरोध प्रदर्शन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर को निगडी पुलिस ने नोटीस भेजकर विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम पर रोक लगा दी है. पुलिस ने नोटीस में लिखा है कि शहर में 26-10-18 से लेकर 8-11-18 तक जमावबंदी लगी है, चार लोग से ज्यादा एक साथ दिखने पर गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई हो सकती है.
मालूम हो कि कल शहर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की निगडी के मदनलाल धिंग्रा मैदान में महासम्मेलन है. शहर की मूलभूत समस्या अवैध बांधकाम, शास्तीकर, रेडझोन, पवना बंद पाईपलाईन, रिंगरोड, निगडी तक मेट्रो, बढते अपराध, महंगाई, गैस, पेट्रोल के बढते दाम को लेकर भापकर के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, मनसे , समाजवादी पार्टी समेत अन्य पार्टियां, सामाजिक संगठन निगडी के भक्ति शक्ति चौक पर शांतिपूर्ण ढंग से धरना आंदोलन करने वाले है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कोई अनहोनी घटना न घटे अथवा गडबडी विघ्न न पैदा हो, इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने जमावबंदी के बहाने एक नोटीस भेजकर शहर की 25 लाख जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.
हमारे संवाददाता कोे भापकर ने बताया कि यह शासन की तानाशाही है. जनता की समस्या को लोकतंत्र में उठाना अपराध नहीं. पुलिस द्धारा लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. ठोकशाही के दम पर सत्ताधारियों के इशारे पर सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा जा रहा है. आंदोलन हर कीमत पर होगा. मैं और मेरे आंदोलनकारी साथी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं. हम लोग पुलिस की नोटीस से डरने वालों में से नहीं है.