मुंबई-महाराष्ट्र सरकार को ट्रिपल इंजन चला रहा है। तीनों इंजन इन दिनों इस बात को लेकर टकरा रहे हैं कि 15 अगस्त को जिलों में झंडा वंदन करेगा कौ? हर मंत्री अपने जिले में झंडा वंदन करने को बेताब है। लेकिन तीसरा इंजन जो अजित पवार के रुप में सरकार को खींच रहा है,उनके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री तो बन गए लेकिन जिले के पालकमंत्री अभी नियुक्त नहीं हुए है। सरकार ने कौन मंत्री किस जिले में झंडा वंदन करेगा शुक्रवार को सूची जारी किया फिर शनिवार को सूची बदली गई और राष्ट्रवादी के मंत्रियों को भी जिले बांटे गए। सबसे बडा पेंच पुणे में फंसा। पुणे जिले में अजित पवार झंडा वंदन करना चाहते हैं,लेकिन पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल है। यहां दोनों इंजन टकरा गए। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रास्ता निकाला और दोनों को दूसरे जिले की जिम्मेदारी सौंपी। पुणे में राज्यपाल झंडा वंदन करेंगे।
पालक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर तीनों दलों में विवाद
सरकार में अजित पवार के शामिल होने के बाद पालक मंत्री के पद से पवार के लोगों को दूर रखा गया है। ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि अजित पवार के साथ मंत्री बनने वालों को भी ध्वजारोहण का अवसर मिले, इसलिए पालक मंत्री न होते हुए भी उन्हें 15 अगस्त के दिन ध्वजारोहण के लिए ’झंडा मंत्री’ बनाया जाए। इस पर भी सरकार में विवाद हुआ। गुरुवार को सरकार ने मंत्रियों के ध्वजारोहण करने की लिस्ट जारी की, जिसे शुक्रवार को बदल दिया गया। कहा जा रहा है कि मंगलवार 15 अगस्त से पहले देखिए क्या-क्या और भी बदलाव होता है। शिंदे-फडणवीस सरकार में अजित पवार के शामिल होने से पहले शिंदे और फडणवीस के 20 मंत्रियों को पालक मंत्री बनाया गया गया था, लेकिन पवार के लोग अभी भी वेटिंग लिस्ट में हैं। पालक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर तीनों दलों में विवाद है, हालांकि सरकार विवाद मानने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन पवार के लोगों को पालक मंत्री भी नहीं बनाया जा रहा।
चंद्रकांत पाटील पुणे में झंडा फहराने से वंचित
सरकार ने राज्य के 28 जिलों में कैबिनेट मंत्री को ध्वजारोहण की जिम्मेदारी दी है। एनसीपी का पुणे में दबदबा है, इसिलए वह पुणे का पालक मंत्री पद मांग रही है। लेकिन बीजेपी का भी यहां पर दावा है। इसलिए पहले तय किया गया कि चंद्रकांत पाटील पुणे में झंडा फहराएंगे। लेकिन बाद में अजित पवार और फडणवीस के बीच इस पर चर्चा हुई और फैसला बदलकर चंद्रकांत पाटील की जगह पुणे में राज्यपाल रमेश बैस के हाथों ध्वजारोहण कराने का फैसला लिया गया। छगन भुजबल नाशिक जिले में ध्वजारोहण करने इच्छुक थे, लेकिन उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई। उन्हें अमरावती जिले की जिम्मेदारी दी गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने जारी की सूची
देवेन्द्र फड़णवीस- नागपुर
अजित पवार- कोल्हापुर
छगन भुजबल- अमरावती
सुधीर मुनगंटीवार- चंद्रपुर
राज्यपाल वैस- पुणे
चंद्रकांत पाटिल- रायगड
दिलीप वलसे पाटिल- वाशिम
राधाकृष्ण विखे पाटिल- अहमदनगर
गिरीश महाजन- नासिक
दादा भूसी- धूल
गुलाबराव पाटिल- जलगांव
रवीन्द्र चव्हाण- ठाणे
हसन मुश्रीफ- सोलापुर
दीपक केसरकर- सिंधुदुर्ग
उदय सामंत- रत्नागिरी
अतुल सहेजें- परभणी
संदीपन भुमरे-औरंगाबाद
सुरेश खाड़े- सांगली
विजयकुमार गावित- नंदुरबार
तानाजी सावंत- उस्मानाबाद
शम्भुराज देसाई- सतारा
अब्दुल सत्तार- जालौन
संजय राठौड़- यवतमाल
धनंजय मुंडे- बीड
धर्मराव अत्राम- गढ़चिरौली
मंगलप्रभात लोढ़ा- मुंबई का उपनगर
संजय बंसोड- लातूर
अनिल पाटिल- बुलढाणा
अदिति तटकरे – पालघर
जिले के विकास के फंड का फंडा
यानी सारा मसला जिले के विकास के फंड पर ज्यादा से ज्यादा कब्जे का है, इसलिए पालक मंत्री पद के लिए सरकार में शामिल तीनों पार्टियों के बीच गलाकाट लड़ाई चल रही है। झंडा वंदन के लिए तो अजित पवार कोल्हापुर और छगन भुजबल अमरावती जाने को तैयार हो गए हैं, लेकिन जब अधिकृत रूप से पालक मंत्री पदों का बंटवारा होगा, तब इसे लेकर घमासान देखने को मिले तो आश्चर्य नहीं होगा