पिंपरी- हर कोई अपने और अपनों के लिए जीते है। लेकिन दूसरों को संकट की घडी में साथ देना अथवा उसकी जान बचाना शायद कम ही लोग करते है। जी हां! हम बात कर रहे हैं पिंपरी चिंचवड शहर की उस बहादूर और साहसी समाजसेविका महिला अनिता अग्रवाल की जिसने अपनी जान पर खेलकर एक युवक की हत्यारों से जान बचाई। इतना ही नहीं लहूलूहान हालत में युवक को नजदीकी के हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इस बहादुर अनिता अग्रवाल पिंपरी चिंचवड शहर की निवासी हैं और ’हमारा विश्व फाउंडेशन’ की अध्यक्षा हैं। इस संस्था के माध्यम से शोषित,पीडित,दबे कुचले,गरीब असहाय लोगों की मदद व सेवा करती है।
अनीता अग्रवाल ने बहादुरी से हत्यारों का मुकाबला किया
20 सितंबर 2024 का दिन था। अनिता अग्रवाल एक दशक्रिया में शामिल होने के बाद मांगदरी,वेल्हे से लौट रही थी। कुंडनपुर फाटा के पास कुछ भीड को देखा। उन्होंने अपनी गाडी को रोका। उनको पहले लगा कि कोई सड़क दुर्घटना हुई है। नजदीक जाने के बाद देखा कि एक युवक को दो गुंडे लोहे की रॉड,बडे पत्थरों से बुरी तरह से मार रहे थे। उनका इरादा युवक को जान से मारने का था। युवक खून से लथपथ हालत में था। कोई भी राहगीर मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था। अनीता अग्रवाल ने बहादुरी से हत्यारों का मुकाबला किया। युवक की मदद के लिए दौड़ीं। हत्यारों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, लेकिन अनीता अग्रवाल के साहस को देखकर हत्यारे आखिरकार भाग निकले। इसके बाद उन्होंने लोगों को मदद के लिए बुलाया और युवक को एंबुलेंस से श्लोक अस्पताल में भर्ती कराया। युवक की जान बाल-बाल बच गई और अनिता अग्रवाल ने स्थानीय लोगों से साहस दिखाने की अपील की। उन्होंने लोगों से सचेत रहने को कहा, अगर मैं एक महिला हूं और साहस कर सकती हूं, तो आपको क्यों डरना चाहिए? कल आपका बेटा, भाई, दोस्त ऐसी स्थिति में हो सकता है।
एक हमलावर गिरफ्तार एक परार,घायल युवक आयसीयू में भर्ती
शिवापुर पुलिस चौकी को घटना की खबर लगते ही मौके वारदात पर पहुंची। पुलिस निरिक्षक अजित पाटिल तत्काल एक्शन में आए और फरार दोनों हमलावरों की मोबाईल लोकेशन ट्रेस करने लगे। आखिरकार उनको कामयाबी मिली और महेश उर्फ पप्पू किसन कोंढाळकर को गिरफ्तार कर लिया। दूसरा आरोपी महेश तानाजी घोगरे आज भी फरार है। गंभीर हालत देखते हुए युवक को पुणे के भारती हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया है। जहां वे आयसीयू में भर्ती हैं। हाथ का ऑपरेशन हो चुका है,हड्डियां टूटने के कारण रॉड डाला गया है। पैर,सिर,छाती,घुटने में गंभीर चोटें आयी है।
जमींन की खातिर भाई-भाई के खून का प्यासा
गंभीर रुप से घायल अनिल हनुमंत घोगरे ने हमले के पीछे की कहानी बताते हुए कहा कि उसके चचेरे भाई फरार आरोपी महेश तानाजी घोगरे के साथ जमींन का विवाद चल रहा है। गांव के लोगों ने विवाद सुलझाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। अनिल घोगरे कोर्ट से मामला सुलझाने की बात कर रहे थे। लेकिन चचेरे भाई आरोपी महेश घोगरे के मन में एक खतरनाक प्लान चल रहा था। गांव का एक खूंखार गुंडा महेश कोंढालकर के साथ मिलकर अपने चचेरे भाई अनिल घोगरे को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 20 सितंबर दोपहर 3.30 बजे जब अनिल घोगरे कंपनी में काम करने के लिए मोटरसाइकिल से जा रहे थे तो दोनों हमलावर उसका पीछा किया। सुनसान इलाके में पीछे से लोहे के रॉड से सिर पर वार किया। अनिल घोगरे गिर पड़ा। उसकी आंखों में मिर्ची पावडर डालकर लोहे की रॉड,बडे पत्थरों से मारने लगे। इसी बीच अनिता अग्रवाल वहां से गुजर रही थी,और अपने साहस का परिचय देते हुए युवक की जान बचाने के लिए कूद पड़ी। ऐसी साहसी,निडर महिला को आज पूरा शहर सैलूट कर रहा है। ऐसी महिला पर पूरे शहर को गर्व है।