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हिमाचल-उत्तराखंड में जलजला:पहाड़ दरका, 266 लोग मौत के आगोश में,1000 मकान तबाह

 

शिमला/देहरादुन- हिमाचल और उत्तराखंड में 24 जून से अब तक मॉनसूनी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जहां हिमाचल में बारिश ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। राज्य में बाढ़-बारिश, लैंडस्लाइड से जुड़ी घटनाओं में 214 लोगों की मौत हुई है। वहीं उत्तराखंड में 52 लोगों ने जान गंवाई है।

पहाड़ जल प्रलय से जूझ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। पहाड़ दरक रहे हैं। जगह जगह लैंडस्लाइड से तबाही देखने को मिल रही है।आसमानी आफत से हर तरफ हाहाकार मची है। भारत के इन दोनों पहाड़ी राज्यों में मॉनसून तबाही लेकर आया है। हिमाचल में 24 जून से अब तक 214 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 38 लोग लापता हैं। राज्य में बारिश-लैंडस्लाइड से जुड़ी घटनाओं में 10 हजार घरों को नुकसान पहुंचा है। वहीं, उत्तराखंड में मॉनसून आने के बाद से अब तक 52 लोगों की मौत हुई है। जबकि 19 लोग लापता हैं। राज्य को 650 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

हिमाचल में 3 दिन से तबाही जारी
हिमाचल में रविवार से भारी बारिश जारी है। इसके चलते शिमला, सोलन समेत कई जिलों में लैंडस्लाइड हुई। शिमला में समर हिल, फगली और कृष्णानगर लैंडस्लाइड से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। राज्य में बारिश और लैंडस्लाइड से तीन दिन में 71 लोगों की मौत हुई है। जबकि 13 लोग लापता हैं। राज्य के बुनियादी ढांचे को बारिश-बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी नुकसान पहुंचा है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के काम को पहाड़ जैसी चुनौती बताया। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने कहा, राज्य को इस मानसून में भारी बारिश के कारण करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में एक साल लगेगा। सीएम ने कहा, सड़कों और जल परियोजनाओं के पुनर्निर्माण में समय लगता है। लेकिन हम इस प्रक्रिया में तेजी ला रहे हैं।

19 अगस्त तक स्कूल कॉलेज बंद
शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को 19 अगस्त कर बंद कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि लैंडस्लाइड से राज्यभर में सड़कों को नुकसान पहुंचा है। राज्य में लगभग 800 सड़कें अवरुद्ध हैं और 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में 10,714 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र से हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और बहाली कार्यों के लिए 2,000 करोड़ रुपये जारी करने की अपील की है। पिछले 24 घंटों में कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 1,731 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।

हिमाचल में बारिश ने तोड़ा 50 साल का रिकॉर्ड
मौसम विभाग के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून के 54 दिनों में 742 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि 1 जून से 30 सितंबर के बीच सीजन का औसत 730 मिमी बारिश होती है। शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरिंदर पॉल ने बताया कि इस जुलाई में राज्य में दर्ज की गई बारिश ने पिछले 50 सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इससे पहले जुलाई में बारिश और बाढ़ ने हिमाचल के मंडी, कुल्लू, शिमला में भारी तबाही मचाई थी. इस तबाही में सैकड़ों सड़कों, ब्रिज और बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाया था।

10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
एनडीआरएफ ने बुधवार को बताया कि भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के क्षेत्रों में 960 से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया गया है, जबकि 10,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन राज्यों में एनडीआरएफकी 29 टीमें तैनात हैं। जबकि 14 को स्टैंडबाय में रखा गया है।

उत्तराखंड में भी बारिश का कहर
उत्तराखंड में भी मॉनसूनी बारिश कहर आफत बनकर बरसी है। मॉनसून आने के बाद से अब तक राज्य में 52 लोगों की मौत हुई है। जबकि 37 लोग जख्मी हुए हैं। 19 लोग लापता हैं। उत्तराखंड में भी सोमवार से भारी बारिश हो रही है। सोमवार से राज्य में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड में 19 अगस्त तक कई जगहों पर येलो अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में बाहर न जाने की चेतावनी दी गई है। इतना ही नहीं हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से बस थोड़ा नीचे रह गया है। ऋषिकेश में गंगा का पानी घाटों के किनारे स्थित इलाकों में भर गया। देहरादून के विकासनगर तहसील के लांघा जाखन गांव में हुए लैंडस्लाइड के चलते 15 घर तबाह हो गए. हालांकि, किसी भी तरह का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक पुल ढहने के बाद मद्महेश्वर मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु फंस गए। सभी 293 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है। इनमें से 240 श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट किया गया। जबकि 53 को रोप रिवर क्रॉसिंग के सहारे बाहर निकाला गया।

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