महाबलेश्वर-महाराष्ट्र में सतारा जिले के महाबलेश्वर शहर में अजब घटना घटी। महाबलेश्वर में केट्स प्वाइंट पर घूमने गए एक पर्यटक कपल का पर्स एक बंदर ने चुरा लिया। इसके बाद बंदर ने पर्स को 200 फीट गहरी खाई में फेंक दिया। ऐसे में महाबलेश्वर शख्स ने हताश पर्यटक की मदद की। इससे पर्यटक कपल को उनका पर्स वापस मिल गया। अग्रवाल दंपती चेहरे पर मुस्कान आ गई। उन्होंने घाटी से पर्स निकालने वाले जवानों की भी सराहना की।
महाबलेश्वर में बंदरों का आतंक
महाराष्ट्र का स्वर्ग कहे जाने वाले पचगणी,महाबलेश्वर में मॉनसून पर्यटन के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। पर्यटक महाबलेश्वर में दर्शनीय स्थलों की यात्रा करते हैं। कल सोमवार को महाबलेश्वर के केट्स प्वाइंट पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस क्षेत्र में बंदर भी बहुतायत में हैं। पर्यटक इन बंदरों को चने, भुने हुए मक्के आदि खाना भी खिलाते हैं और इस जगह पर उनकी सक्रियता बढ़ गई है।
यूपी के कपल का छीना पर्स
इसी बीच उत्तर प्रदेश से पर्यटन के लिए आए शुभम अग्रवाल की पत्नी का पर्स बंदरों ने छीन लिया और भागकर पास की 200 फीट गहरी खाई में फेंक दिया। ऐसे में ये पर्यटक पति-पत्नी हैरान रह गए। क्योंकि उसमें 35 हजार रुपये नकद, एक घड़ी और अन्य जरूरी चीजें थीं। बंदर के पर्स चुराने के बाद शुभम अग्रवाल परेशान हो गए। वह मदद के लिए दौड़े। जैसे ही इसकी जानकारी महाबलेश्वर ट्रेकर्स टीम के जयवंत बिरमाने और अनिल लांगी को हुई तो ये दोनों लोग केट प्वाइंट में घुस गए। फिर वे रस्सी की मदद से 200 फुट गहरी खाई में उतरे और बंदरों की ओर से फेंके गए पर्स की तलाश की।
200 फीट घाटी में बंदर ने फेंका पर्स
पर्स घाटी में झाड़ियों में पड़ा था और बारिश के कारण घास ढूंढने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन अथक प्रयास के बाद पर्स मिल गया। पर्स को 200 फीट गहरी खाई से निकालकर अग्रवाला को दे दिया गया। इससे दंपत्ति के चेहरे पर खुशी छलक रही थी। घाटी में बंदर की ओर से फेंके गए पर्स को निकालने वाले जयवंत बिरमाने और अनिल लांगी की चौतरफा सराहना हो रही है।
बंदरों को पकड़ने का अभियान नाकाम
मई महीने में महाबलेश्वर नगर पालिका की ओर से पर्यटकों को परेशान करने वाले बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया गया था। हालांकि, वह सफल होता नहीं दिख रहा है। पर्यटक इन बंदरों को खाना खिलाते हैं, इसलिए उनका मानवीकरण भी किया जाता है। हालांकि, कभी-कभी उनकी हरकतें पर्यटकों के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं।