पुणे-पुणे शहर में कोरोना से हाहाकार मचा है। एक दिन में 10 हजार कोरोना मरीजों की संख्या और करीबन प्रतिदिन 100 की मौत शासन प्रशासन की चिंता बढा दी है। इसे कैसे काबू करें इस बारे में पालकमंत्री अजित पवार लगातार बैठकों का दौर जारी रखे है तो दूसरी तरफ पुणे पालिका के स्वास्थ्य मुख्य अधिकारी आशीष भारती की शिकायत पालकमंत्री से की गई है। इनकी शिकायत वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश पांडे ने एक पत्र के माध्यम से की है। शिकायत में पांडे ने अरोप लगाए है कि भारती संकट की घडी में किसी कोरोना मरीज अथवा उनके परिवारजनों का फोन नहीं उठाते। पालिका हॉस्पिटलों में यही कहा जाता है कि बेड फुल हो चुके है। जबकि बैठकों में पालिका प्रशासन,जिला प्रशासन का दावा रहता है कि बेड की कमी नहीं है।
भारती के बारे में एक और आरोप श्री पांडे ने लगाए कि कुछ ठेकेदार,एजंट,विशिष्ट व्यक्तियों के ही फोन उठाते है। बाकी लोगों को टांगने का काम करते है। जबकि किसी भी सरकारी अधिकारी और जब वो पब्लिक से जुडे विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहा हो तो फोन उठाना बंधनकारक होता है। एक पत्रकार की मां जो कोरोना संक्रमित थी उसे बेड मिले इसलिए ओमप्रकाश पांडे दिनभर भारती को फोन किया मगर फोन नहीं उठाए। वासिम के एक पूर्व कलेक्टर की पत्नी कोरोना संक्रमित थी। बेड के लिए परिजन फोन किए मगर भारती उनका भी फोन नहीं उठाए। कई मरीज पालिका के विभिन्न हॉस्पिटलों की हररोज परिक्रमा करके जब बेड नहीं मिलता तो मजबूरी में प्रायवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो जाते है और भारी भरकम बिल को भरने में मजबुर होते है।सुनने में आया है कि प्रायवेट हॉस्पिटलों अंडरस्टैडिंग है।
ओमप्रकाश पांडे की शिकायत पत्र को अजित पवार गंभीरता से लिया है। अजित दादा के रडार पर भारती आ चुके है। पुणे मनपा आयुक्त,विभागीय आयुक्त,स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को इस बारे में पांडे ने पत्र भेजकर अकार्यक्षम अधिकारी अशीष भारती को हटाने और किसी कार्यक्षम अधिकारी को कोविड की जवाबदारी सौंपने की मांग की है।