पिंपरी- पिंपरी चिंचवड मनपा को कोविड सेंटर के नाम पर करोडों रुपये का चूना, स्पर्श हॉस्पिटल के बिल अदायगी,बिलों की जांच,गलत रिपोर्ट तैयार करने और पालिका के साथ आर्थिक धोखाधडी के प्रकरण की जांच शुरु है। इस बारे में त्रिसदस्यीय कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द पेश करेगी। अगर कोई संबंधित अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके विरुद्ध कडी कार्रवाई की जाएगी। अगर हेराफेरी करके हिसाब से ज्यादा बिल का भूगतान हुआ होगा तो संबंधित ठेकेदार से वसूली की जाएगी। ऐसा आज पालिका आयुक्त राजेश पाटिल ने कहा।
जाते जाते हर्डीकर,श्रवण बनकर पालिका तिजोरी की रक्षा करते हुए फर्जी बिल देने वाले स्पर्श को जोर का झटका दिया है। इस झटके से स्पर्श संचालक,पालिका संबंधित अधिकारी,चंद पत्रकार चारों खाने चित्त हो गए्। न केवल कोरोना सेंटर स्पर्श संस्था के बिल पर रोक लगाई बल्कि फर्जी बिलों की जांच और भविष्य में शेष बिल की अदायगी पर भी रोक लगा दी है।
वैद्यकीय,प्रशासनिक अधिकारियों की संदेहास्पद भूमिका की जांच होगी। इसके लिए त्रिसदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश दिया है। इस कमेटी में नए आयुक्त शामिल है। अगर बिल में गडबडी पायी गई और कोई अधिकारी किसी स्वार्थ,प्रलोभन में आकर स्पर्श संस्था को फायदा पहुंचाने का काम किया होगा तो उस पर कडी कार्रवाई के आदेश देकर पालिका आयुक्त श्रावण हर्डीकर अपने नए तबादला स्थल पर चले गए।
आपको बताते चलें कि भोसरी में स्थित स्पर्श कोरोना सेंटर में एक भी कोरोना मरीज इलाज के लिए भर्ती नहीं हुआ फिर भी वो लगभग 5.50 करोड का बिल पालिका को थमाया है। इसमें से 3 करोड 29 लाख 40 हजार की बिल अदायगी हो चुकी है। ठेकेदार को आयुक्त फायदा पहुंचा रहे ऐसा आरोप पिछले दो दिनों से मीडिया में सुर्खियों में रहा। आज आयुक्त आरोप के कलंक को धोते हुए स्पर्श के बिल अदायगी की जांच बाकी बिल पर रोक,कमेटी गठित करके अधिकारियों की संदेहास्पद भूमिक की जांच के आदेश दिए्। आरोप सही पाए जाते है तो भूगतान बिल स्पर्श से वसूला जाएगा। नए आयुक्त राजेश पाटिल को जाते जाते सविस्तार जानकारी देकर आयुक्त गए है। अब देखना है कि नए आयुक्त राजेश पाटिल सही दिशा में जांच कराके दूध का दूध पानी का पानी करने में सफल होते है या नहीं।