पुणे- शिरडी के साईबाबा मंदिर न्यास की ओर से श्रद्धालुओं को सभ्य तरीके से कपड़े पहनकर आने की अपील के बीच सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने हल्ला बोलते हुए कहा है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।श्रद्धालुओं और पुजारियों के लिए दोहरे मापदंड क्यों ह््ैं।
एक वीडियो संदेश में देसाई ने कहा कि मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं के लिए इस प्रकार के बोर्ड लगाया जाना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है। देसाई ने यह भी कहा कि यदि बोर्ड नहीं हटाए जाएंगे तो वह और अन्य कार्यकर्ता महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी जाकर बोर्ड को हटा देंगे। श्री शिरडी साईबाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कान्हुराज बगाते ने मंगलवार को कहा कि न्यास ने केवल श्रद्धालुओं से अपील की है और उन्होंने वेशभूषा को लेकर कोई नियम नहीं थोपा है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं द्वारा शिकायत की गई थी कि कुछ लोग आपत्तिजनक कपड़े पहनकर मंदिर में आते हैं जिसके बाद यह अपील की गई्। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए देसाई ने कहा, मंदिर के पुजारी अर्ध नग्न होते हैं, लेकिन किसी श्रद्धालु ने इस पर आपत्ति नहीं की। बोर्ड को तत्काल हटाया जाना चाहिए वरना हम आकर हटा देंगे।
उन्होंने कहा कि विभिन्न जातियों, पंथ और धर्म के लोग देश और दुनिया से शिरडी आते ह््ैं। उन्होंने कहा, भारत में संविधान ने अपने नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया है और इस अधिकार के अनुसार क्या बोलना है और क्या पहनना है यह व्यक्तिगत मामला है।