जयपुर- यह बात चौंकाने वाली समझी जाए या फिर हास्यापद मगर जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल के डॉक्टरों की माने तो कोरोना वायरस से ग्रस्त एक महिला मरीज को एचआईवी की दवा देने से ठीक हो गई। डॉक्टरों का दावा है कि एचआईवी, स्वाइन फ्लू और मलेरिया की दवाओं से ठीक किया जा सकता है। अब ये तो वही बात हो गई कि जिस बीमारी से विश्व के देशों में हाहाकार मचा है। इसकी दवाओं की खोज युद्स्तर पर की जा रही है और ऐसी दवा से ठीक हो जाए जिसकी कल्पना और विश्वास करना संभव नहीं। मतलब जिसको ढूंढे गली गली वो हमारे बगल में मिली यह कहावत यहां चरितार्थ हो रही है। कोरोना के मरीजों को राजस्थान में कोरोना वायरस के कई मामले सामने आ चुके हैं। जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) हॉस्पिटल में कोरोना के मरीज भर्ती हैं। यहां के डॉक्टरों ने कोरोना वायरस से पीड़ित एक महिला को एचआईवी, स्वाइन फ्लू और मलेरिया की दवाओं से ठीक कर दिया है। अब इस महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बताया गया कि यह महिला उसी 23 सदस्यीय इटैलियन ग्रुप के साथ राजस्थान आई थी, जिसमें से कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। बताया गया कि इस ग्रुप में महिला का पति ही वह पहला शख्स था, जिसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलोजी (एनआईवी) पुणे ने 3 मार्च को इस शख्स को कोरोना से पीड़ित बताया था। अगले ही दिन शख्स की पत्नी भी कोरोना से पीड़ित निकली। एसएमएस हॉस्पिटल ने इसी महिला का एचआईवी की दवाओं से इलाज किया।मलेरिया, स्वाइन फ्लू और कखत की दवाओं का इस्तेमालस्वास्थ्य विभाग के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह कहते हैं, ’हमने उन्हें लोपिनाविर का डोज दिन में दो बार दिया।’ रोहित कुमार सिंह इस फॉर्म्युले से आईसीएमआर भी संतुष्ट था। इसके अलावा डॉक्टर ने उन्हें ओस्लेटामिविर जो कि स्वाइन फ्लू में काम आती है और मलेरिया में इस्तेमाल होने वाली दवा क्लोरीकीन दी।एसएमसएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और कंट्रोलर डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा, ’हमने सामान्य प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए उनका इलाज किया और वह ठीक हो गईं। यह एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टरों के लिए बड़ी उपलब्धि है।’ महिला के 69 वर्षीय पति का इलाज अभी भी एसएमएस हॉस्पिटल में चल रहा है। अभी वह ठीक नहीं हुए हैं।
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