- बगदादी के ठिकाने को घेरने के बाद उतरे थे 70 अमेरिकी डेल्टा कमांडो
- मुख्य दरवाजे से न जाकर बगदादी की गुफा की एक दीवार को उड़ाया
- बगदादी की दो पत्नियों ने भी कमर में बांध रखी थी विस्फोटक बेल्ट, फायरिंग में मारी गईं
- घिरने के बाद बगदादी ने खुद को उड़ाया, उसके साथ तीन बच्चों की भी हुई मौत
दमिश्क –सीरिया के इदलिब प्रांत के सुदूर गांव बारिशा में लोगों को शनिवार की रात को शोर सुनाई दिया। कुछ ही देर में लोगों को यह साफ हो गया कि यह मिलिट्री का मूवमेंट है। लेकिन यह हर रोज होने वाली लड़ाई नहीं थी बल्कि ऑटोमेटिक गनों से दुनिया को दहशत में डालने वाले आईएस के आतंकी हथियार डाल चुके थे। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक स्टेट के हथियारबंद आतंकियों के लिए अमेरिका का यह सरप्राइज अटैक हैरान करने वाला था। यहां अमेरिकी सैनिक हाई-प्रोफाइल आतंकी अबू बकर-अल बगदादी की तलाश करते हुए पहुंचे थे।
हेलिकॉप्टरों से उतरे 70 अमेरिकी डेल्टा कमांडोजटॉप कॉमेंटपर क्या इस्लामिक आतंकवाद खत्म हुआ ? जब तक काफिर शब्द रहेगा और इन काफिरों के लिये मस्जिदें नफरत बाँटती रहेंगी -दुनिया के सबसे खूंखार आदमी को मारे जाने की यह कार्रवाई पूरी तरह से फिल्मी अंदाज में की गई। यही नहीं इस पूरी फिल्मी कार्रवाई को डॉनल्ड ट्रंप वाइट हाउस में बैठकर देख रहे थे। ट्रंप ने बताया कि बगदादी के ठिकाने को हेलिकॉप्टरों से घेर लिया गया था। अमेरिकी सेना के 70 कुशल डेल्टा कमांडोज को जमीन पर उतारा गया और फिर उन्होंने बगदादी की उस गुफानुमे बंकर को घेर लिया, जिसमें छिपकर वह दुनिया में दहशत फैलाने की योजनाएं बनाता था।
पूरा ऑपरेशन लाइव देख रहे थे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप
अमेरिकी सैनिकों के साथ थे कुत्ते और रोबॉट
अमेरिकी कमांडोज के पास हथियारों के अलावा उच्च-प्रशिक्षित कुत्ते और एक रोबॉट भी था, जो किसी भी तरह के आत्मघाती हमले का सामना कर सके। अमेरिकी कमांडोज के दो ही मकसद थे, बगदादी को पकड़ना या ढेर करना। एक तरफ सीरिया में कमांडोज इस ऐक्शन में थे तो शाम को गोल्फ खेलकर लौटे डॉनल्ड ट्रंप वाइट हाउस में बैठे लाइव स्ट्रीमिंग देख रहे थे।
सीरिया का इदलिब इलाका, जहां मारा गया बगदादी
मुख्य दरवाजे की बजाय दीवार को उड़ाया
बगदादी की गुफा को घेरने के बाद पूरी सावधानी से डेल्टा कमांडो आगे बढ़ रहे थे। गुफा के दरवाजे को खोलने में रिस्क था। आशंका थी कि उसकी आड़ में कही भारी विस्फोटक लेकर आतंकी न बैठे हों। ऐसे में कमांडोज ने गुफा की एक दीवार को ही उड़ा दिया। अंदर बगदादी की दो पत्नियां भी थीं, जिन्होंने कमर में विस्फोटक बेल्ट भी बांध रखी थी, लेकिन खुद को उड़ाया नहीं। दोनों ही अमेरिकी कमांडोज और आतंकियों के बीच हुई फायरिंग में मारी गईं। अमेरिकी सेना ने बड़ी संख्या में बगदादी के लड़ाकों को निपटा दिया था।
जब बगदादी से कहा, सरेंडर कर दो, घिर चुके हो
इसके बाद गुफा में अंधेरे में ही अमेरिकी सेना हर कमरे की तलाशी लेने में जुटी थी। इस बीच एक अरबी बोलने वाले शख्स ने बगदादी से सरेंडर करने को कहा। लेकिन बगदादी ने सरेंडर की बजाय भागने का फैसला लिया। डेल्टा फोर्स ने गुफा के हर कोने और भाग सकने के हर रास्ते की तलाश शुरू कर दी। इस बीच अमेरिकी सैनिकों ने 11 मासूम बच्चों को भी जिंदा बचाया। गुफा में जिंदा बचे इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को पता था कि अब उनका वक्त आ गया है और उन्होंने सरेंडर कर दिया।
आतंक के आका बगदादी को दौड़ा लिया गया
एक बार जब पूरी गुफा खाली हो गई तो फिर कमांडोज और उनके साथ मौजूद कुत्तों ने बगदादी का पीछा करना शुरू किया। बगदादी के साथ तीन बच्चे भी थे। सैनिकों को पता था कि यह कठिन टारगेट है, इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़े और ट्रेन्ड कुत्तों को भेजा।
यहां था बगदादी का ठिकाना
घिरे बगदादी ने विस्फोटक बेल्ट से खुद को उड़ाया
पूरी तरह से अपनी ही मांद में घिरे खूंखार आतंकी बगदादी ने कमर में
बंधी विस्फोटक बेल्ट के जरिए खुद को उड़ा लिया। यही नहीं उसके साथ तीन
मासूम बच्चे भी मारे गए। बगदादी को दौड़ा-दौड़ा कर अमेरिकी सेना ने मारा।
शायद यही वजह है कि बगदादी के मारे जाने का ऐलान करते हुए अमेरिकी
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह कुत्ते की मौत मारा गया।
बगदादी के ठिकाने के पास यहां अमेरिकी सेना ने हेलिकॉप्टर से किया था हमला
मौके पर ही DNA टेस्ट कर बगदादी के ढेर होने का ऐलान
बगदादी के आत्मघाती विस्फोट के बाद धुआं छा गया। किसी तरह से अमेरिकी
सैनिक खोजते हुए पहुंचे तो पाया कि बगदादी मर चुका है। हालांकि उसके शरीर
के ही अंगों का उन्होंने एक छोटी सी फील्ड किट के जरिए डीएनए टेस्ट किया।
इसमें बगदादी की पहचान की पुष्टि होने के बाद पूरी दुनिया में यह खबर फैल
गई। अमेरिकी सैनिकों ने वाइट हाउस को खबर दी, ‘100 पर्सेंट कॉन्फिडेंस
जैकपॉट। ओवर।’
बगदादी का कोडनेम रखा गया था ‘जैकपॉट’
जैकपॉट अमेरिकी सेना की ओर से बगदादी को कोडनेम दिया गया था।
बता दें कि 2011 में लादेन के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान उसे भी जैकपॉट कोडनेम
ही दिया गया था।