पिंपरी- बिजलीनगर में मंगलवार की शाम एक चार वर्षीय बालिका से रेप की घटना शहर को हिला कर रख दी. जख्म से तडप रही बालिका को और जख्म देते हुए पिंपरी पालिका का वायसीएम ने और जख्म देते हुए इलाज करने से इंकार कर दिया. पीडिता को ससून हॉस्पिटल ले जाने को कहा. किसी भी प्रकार का प्राथमिक उपचार न करते हुए हॉपिस्टल के बाहर टेबल पर 2 घंटे बैठाकर रखा गया. पीडित लडकी को 14 टांके आए फिर भी रक्त स्राव बंद नहीं हो रहा था. ऐसी हालत के बावजूद वायसीएम के व्यवस्थापन व डियूटी पर तैनात डॉक्टरों को दया तक नहीं आयी. डॉक्टरों का असंवेदनशीलता व क्रूर अमानवीय रुप चेहरा देखने को मिला.इसके लिए जिम्मेदार डॉ. देशमुख व डॉ. जाधव पर कठोर कार्रवाई की मांग विरोधी पक्षेनता दत्ता काका साने ने आयुक्त से की है. श्री साने के नेतृत्व में राष्ट्रवादी का एक शिष्टमंडल आयुक्त से मिला. जिसमें महिला नगरसेविका भी शामिल ती. आयुक्त को उनके डॉक्टरों की घोर लापरवाही के प्रति अवगत कराया गया.
श्री साने ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी भाजपा के डेढ साल के राज में वायसीएम का सिस्टम चौपट हो गया है. वहां केवल धन्धा शुरु है. नागरिकों को दवाईयां व इलाज नहीं मिल रहा. सारी दवाईयां बाहर मेडिकल स्टोर में सप्लाई की जा रही है. गंभीर बीमारी व सीरियस मामले को हैंडल करने के बजाए ससून में रिफर किया जाता. है. एक समय ऐसा था कि महाराष्ट्र के कोने कोने से लोग वायसीएम इलाज कराने आते थे. वायसीएम के लिए वर्ष में करोडों रुपये का बजट पास होता है. मगर वर्तमान में यहां सर्दी,खोकला,बुखार जैसी मामूली बीमारियों के इलाज तक यह हॉस्पिटल सिमट कर रह गया.
Tags दोषी डॉक्टरों पर हो कठोर कार्रवाई वायसीएम का पीडित बालिका से अमानवीय व्यवहार
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