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पिंपरी-चिंचवड़ को ‘जल आत्मनिर्भर’ बनाने का संकल्प पूरा- महेश लांडगे

भाजपा विधायक महेश लांडगे ने नागरिकों से की बातचीत
आंध्र भामा आस्केड का दूसरा चरण जून-2025 तक पूरा करने का लक्ष्य

पिंपरी-हम वर्ष 2041 की संभावित आबादी को ध्यान में रखते हुए शहर में जल आपूर्ति का स्रोत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आंध्र भामा आस्केड परियोजना के पहले चरण में, 100 एमएलडी पानी शहर में प्रवेश किया। अब दूसरे चरण का काम जून-2025 तक पूरा हो जाएगा। इससे 168 एमएलडी पानी मिलेगा। पवना बंद पाइपलाइन परियोजना जैसे थे ऑर्डर रद्द कर दिया गया है। निगड़ी जल उपचार संयंत्र की क्षमता बढ़ाई गई है।समाविष्ट गांव में विभिन्न स्थानों पर जलकुंभ एवं नवीन जलधारा का कार्य निरंतर चल रहा है। दिलचस्प बात यह है कि आगामी अवधि में मुलशी बांध से 760 एमएलडी पानी आरक्षित किया जाना चाहिए। बीजेपी विधायक महेश लांडगे ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
भोसरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेश लांडगे ने ‘जल आत्मनिर्भर पिंपरी-चिंचवड़’ के मुद्दे पर सोशल मीडिया के माध्यम से पिंपरी-चिंचवड़ नागरिकों से बातचीत की।
विधायक लांडगे ने कहा कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और शैक्षणिक राजधानी पुणे के साथ हमारा पिंपरी-चिंचवड़ शहर तेजी से विकसित हो रहा है। यह महाराष्ट्र का 5वां और देश का 19वां सबसे बड़ा शहर है। हमारा शहर भारत के कोने-कोने से रहने वाले नागरिकों का ‘मिनी इंडिया’ होना, ‘स्मार्ट सिटी’ और अब मेट्रो सिटी के रूप में पहचान हैं । निश्चित रूप से पिंपरी-चिंचवड़करों के लिए गर्व की बात है।
प्रारंभ में पिंपरी-चिंचवड़ नगर परिषद की स्थापना की गई थी। यह 4 मार्च 1970 को आयोजित किया गया था। उसके बाद नगर निगम की स्थापना 11 अक्टूबर 1982 को हुई थी। उस समय शहर की जनसंख्या मात्र 2 लाख 35 हजार थी। पिछले 42 सालों में शहर की आबादी 30 लाख तक पहुंच गई है. इस अवधि के दौरान, शहर की सीमाएँ 1982 और 1997 में दो बार बढ़ाई गईं। लेकिन उसकी तुलना में जल संसाधन का निर्माण नहीं हुआ।
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पिंपरी-चिंचवड़ वासियों का मिला समर्थन…
पवना बांध अपनी स्थापना के बाद से शहर का एकमात्र जल स्रोत था। बढ़ती जनसंख्या एवं शहरीकरण के कारण नये जल स्रोतों का निर्माण समय की मांग थी। अन्यथा शहर में जल संकट हो जाता। दरअसल, इनमें शामिल गांवों की कई सोसायटियों में आज भी पानी की समस्या है। इसीलिए हमने “पिंपरी-चिंचवड़ के पानी के मुद्दे को हल करने” का वादा करते हुए 2014 में भोसरी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। पिंपरी-चिंचवड वासियों ने मेरा समर्थन किया और मुझे विधान सभा में उनके प्रतिनिधि के रूप में काम करने का अवसर मिला। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के सहयोग से हमने आंध्र, भामा-अस्कखेड जल आपूर्ति परियोजना शुरू की। विधायक लांडगे ने कहा कि इसके माध्यम से, भोसरी निर्वाचन क्षेत्र के तलवड़े, चिखली, मोशी, डूडूलगांव, चऱ्होली के नागरिकों के लिए 268 एमएलडी पानी आरक्षित किया गया है।
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पिंपरी-चिंचवड़ के सतत विकास का लक्ष्य…
आंध्र-भामा आस्केड जल आपूर्ति योजना के तहत तलवाडे में 100 एमएलडी जैक वेल का निर्माण। साथ ही, तलवड़े से चिखली जल उपचार स्टेशन, 100 एमएलडी जल आपूर्ति चैनल, 100 एमएलडी जल उपचार स्टेशन जैसी परियोजनाएं लागू की गई हैं। 168 एमएलडी जल शोधन संयंत्र का कार्य आदेश दे दिया गया है। अब भामा-आसखेड परियोजना के बांध में जैकवेल का निर्माण कार्य एवं सीधी पाइपलाइन के माध्यम से जल आपूर्ति का कार्य प्रगति पर है, जून 2025 तक भामा-आसखेड परियोजना पूर्ण रूप से चालू हो जायेगी। मैं पिंपरी-चिंचवड़ शहर को जल संसाधनों में “आत्मनिर्भर” बनाने और शहर के सतत विकास के लिए बहुत ईमानदारी से काम कर रहा हूं। मेरा मानना है कि विकास एक सतत प्रक्रिया है। हमें विश्वास है कि आपके सहयोग और आशीर्वाद से हम आने वाले समय में “जल आत्मनिर्भर पिंपरी-चिंचवड़” का लक्ष्य अवश्य हासिल करेंगे। विधायक महेश लांडगे ने भी पिंपरी-चिंचवड़करों को ‘वचन’ दिया कि वह अब तक काम करते रहे हैं और आगे भी इसी सोच के साथ करते रहेंगे । हमारे लिए राष्ट्र प्रथम की सोच होनी चाहिए ।देश ने हमे सब कुछ दिया हैं हम इस देश के ऋणी हैं।

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