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रक्षा क्षेत्र की ई-मेल द्धारा जानकारी पाकिस्तान को भेजने वाले डॉ.कुरुलकर को 16 मई तक रिमांड

पुणे – देश की रक्षा के क्षेत्र में पाकिस्तान को जानकारी देने वाले डॉ.प्रदीप कुरुलकर की पड़ताल में अहम जानकारी हाथ लगी है। जांच एजेंसियों को कुरुलकर मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पाकिस्तान को देश के रक्षा क्षेत्र में जानकारी देने वाले डॉ.कुरुलकर विदेशों में सूचनाएं मुहैया कराते हैं। प्रदीप कुरुलकर की पड़ताल में अहम जानकारी हाथ लगी है। जांच एजेंसियों को कुरुलकर मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि कुरूलकर ने ईमेल के जरिए पाकिस्तान को कुछ जानकारियां दी थीं। कुरुलकर विदेश में जानकारी देने के लिए ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर रहा था। उस ईमेल से साफ है कि कुरूलकर ने देश की गोपनीय जानकारी दी थी। साथ ही कुरूलकर ने डीआरडीओ के गेस्ट हाउस में कुछ महिलाओं से मुलाकात भी की। कौन हैं वो महिलाएं? वे क्यों आए थे इसकी भी जांच की जा रही है।

15 मई तक रिमांड पर लिया
जैसे ही एटीएस की हिरासत समाप्त हुई, कुरूलकर को आज पुणे सत्र न्यायालय में पेश किया गया और एटीएस ने दुश्मन को कौन सी संवेदनशील जानकारी प्रदान की, इसकी जांच के लिए उसकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया और कुरूलकर की हिरासत 15 मई तक बढ़ा दी। इस बीच, उनकी जांच चल रही है। इस पड़ताल में चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। उसने प्रदीप कुरुलकर के मोबाइल फोन, लैपटॉप और पेन ड्राइव से डेटा डिलीट कर दिया है। एटीएस ने अदालत से कहा है कि इस बात की जांच की जरूरत है कि वास्तव में वह डेटा क्या था और क्या यह पाकिस्तानी खुफिया विभाग को दिया गया था।

डॉ.प्रदीप कुरुलकर पर क्या आरोप?
डॉ प्रदीप कुरुलकर को पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने हनीट्रैप में पकड़ा था। इसके लिए प्रदीप कुरुलकर से सबसे पहले फेसबुक के जरिए लंदन में एक मोबाइल नंबर के जरिए संपर्क किया गया। संपर्क करने वाली महिला ने बताया कि उसका नाम जारा दास गुप्ता है और वह पश्चिम बंगाल की रहने वाली है। आगे इन दोनों के बीच बातचीत बेहद निजी स्तर तक पहुंच गई। इस बातचीत के दौरान डॉ. प्रदीप कुरुलकर से डीआरडीओ ने देश की अलग-अलग प्रयोगशालाओं में चल रहे शोध के बारे में पूछा। साथ ही भारत निर्मित ब्रम्होस और अन्य मिसाइलों के डिजाइन का अनुरोध किया गया था। साथ ही यह जानकारी भी मांगी गई कि रक्षा के क्षेत्र में भारत किन अन्य देशों के साथ काम कर रहा है। एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि कुरूलकर ई-मेल के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में था। एटीएस ने प्रदीप कुरूलकर से जब्त मोबाइल, लैपटॉप और अन्य तकनीकी सामग्री को जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा था। यह मामला सामने आया है।

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