पुणे- पुणे शहर में पिछले दो दिनों से न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। सोमवार को 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज करने के बाद मंगलवार (10 जनवरी) को तापमान में 7.4 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट आयी है। 2017 के बाद पहली बार पुणे के लोगों ने जनवरी में सबसे ठंडे दिन का अनुभव किया। पुणे में तापमान महाबलेश्वर (14.2 डिग्री सेल्सियस) से कम है। राज्य में सबसे कम जलगांव में 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मध्य महाराष्ट्र में,जलगाँव के बाद पुणे (7.4 डिग्री सेल्सियस) और नासिक में 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बुधवार को सबसे न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियम
महाराष्ट्र में बुधवार (11 जनवरी) से न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने की संभावना है। बुधवार को तापमान 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है और गुरुवार से 14 जनवरी तक न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी। 15 जनवरी से एक या दो दिन न्यूनतम तापमान में गिरावट आने की संभावना है। पुणे में मंगलवार को इस सर्दी के मौसम का सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया। अनुपम कश्यपी, मौसम विभाग के प्रमुख,भारत मौसम विज्ञान विभाग,पुणे ने ऐसा बताया। आईएमडी के मुताबिक, पुणे में मंगलवार 2017 के बाद से जनवरी का सबसे ठंडा दिन रहा। सीजन का दूसरा सबसे कम तापमान 9 जनवरी को 8.7 डिग्री सेल्सियस और तीसरा सबसे कम तापमान 30 अक्टूबर 2022 (12.6 डिग्री सेल्सियस) था।
जलवायु परिवर्तन का स्वास्थ्य पर प्रभाव
पुणे में पिछले दो सप्ताह से मौसम करवट ले रहा है। (मौसम) रात के तापमान में गिरावट और दिन में लू के थपेड़े हैं। पर्यावरण में आए इस बदलाव से पुणे के निवासी बुखार,सर्दी और खांसी से पीड़ित हैं। डॉक्टर ने बताया है कि पिछले कुछ दिनों से डॉक्टर से संक्रमण की कई शिकायतें मिल रही हैं। पुणे में दो महीने से मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। हर हफ्ते तापमान कभी घट रहा है तो कभी बढ़ रहा है। इससे कई लोगों की सेहत पर भी असर पड़ा है। पुणे में पिछले हफ्ते से मौसम और हवा में बदलाव हो रहा है। पुणे में हवा भी प्रदूषित हो गई है। सामने आया है कि इन दोनों वजहों से आधा पुणे बीमार है।
प्रदेश भर में शीतलहर
पुणे ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में शीतलहर आ गई है। दो दिन सोमवार और मंगलवार को तापमान में गिरावट आयी है। राज्य के नंदुरबार जिले में भी तापमान में काफी गिरावट आई है। नंदुरबार जिले में इस साल का सबसे कम तापमान यानी 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। इस बढ़ती ठंड से रबी की फसल प्रभावित होने की संभावना है। इसलिए किसान चिंतित हैं।