पुणे- पढ़े-लिखे बेरोजगार इंजीनियर अब बिना किसी शर्त के 1.5 करोड़ रुपये तक के विकास कार्य करवा सकेंगे। तीन साल पहले राज्य सरकार ने शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों को लोक निर्माण विभाग के माध्यम से किए जाने वाले डेढ़ करोड़ रुपये तक के कार्यों के एवज में मंजूरी दी थी। लेकिन यह स्वीकृति देते समय कुछ नियम व शर्तें संलग्न की गई थीं। ये नियम और शर्तें अब वापस ले ली गई हैं। इसलिए इन इंजीनियरों के लिए एक लाख रुपये तक के विकास कार्य कराने का रास्ता साफ हो गया है। इससे बेरोजगार इंजीनियरों को बड़ी राहत मिली है।
इन इंजीनियरों के पास 1.5 करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों के लिए भुगतान की जाने वाली निविदाओं के लिए आवश्यक मशीनरी,हॉट मिक्स प्लांट या निर्माण के लिए आवश्यक अन्य सामग्री का स्वामित्व होना अनिवार्य था। यही स्थिति इन इंजीनियरों के काम पाने में एक बड़ी बाधा थी। नतीजतन, ये इंजीनियर अपनी इच्छा के बावजूद, खुली निविदाओं में भाग लेने में असमर्थ थे, केवल इसलिए कि शर्तें पूरी नहीं कर सकते थे। अब राज्य सरकार ने इस शर्त को रद्द करने का फैसला किया है। इसलिए पुणे ठेकेदार संघ के अध्यक्ष रवींद्र भोसले और महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार संघ और इंजीनियर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने कहा कि बेरोजगार इंजीनियर जिनके पास अब स्व-स्वामित्व नहीं है, वे इन कार्यों को कर सकेंगे।
प्रदेश में करीब तीन लाख शिक्षित बेरोजगार सिविल इंजीनियर और छोटे ठेकेदार हैं। इन सभी को राज्य सरकार द्वारा सरकार द्वारा अनुमोदित ठेकेदारों के रूप में पंजीकरण प्रमाण पत्र दिया गया है। इसी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर ये बेरोजगार इंजीनियर सरकारी विकास कार्य कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार ने 12 मई 2022 को इन कार्यों को करने के लिए कुछ दमनकारी शर्तें लगा दी थीं। उन शर्तों को अब 12 अक्टूबर 2022 के एक अध्यादेश द्वारा निरस्त कर दिया गया है।
इस योजना के बारे में थोड़ा
– यह योजना पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों तक ही सीमित है।
– 1.5 करोड़ तक के विकास कार्यों को कराने के लिए लोक निर्माण विभाग का पंजीयन प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
– पुणे जिले में पिछले तीन वर्षों में बेरोजगार इंजीनियरों के लिए तीन हजार से अधिक नौकरियों को मंजूरी दी गई है।
– इसमें मुख्य रूप से सड़कें, सरकारी भवनों का निर्माण या भवनों का पुनर्विकास जैसे कार्य शामिल हैं।
– इन कार्यों को प्राप्त करने के लिए उन कार्यों के लिए निविदाएं जमा करना आवश्यक है।
राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के पढ़े-लिखे बेरोजगार सिविल इंजीनियरों और छोटे ठेकेदारों को न्याय मिला है। इससे उन्हें अब रोजगार के अवसर और बोली लगाने के मामले में काफी फायदा होगा। इसके लिए हमारे संगठन की ओर से राज्य के लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण और सचिव सदाशिव सालुंखे का विशेष धन्यवाद।
– मिलिंद भोसले,अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार संघ
राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों के लिए शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों को खुली निविदाएं भरने के लिए कुछ दमनकारी शर्तें रखी गई थीं। इन परिस्थितियों ने बेरोजगार इंजीनियरों के लिए ये नौकरी पाने में एक बड़ी बाधा बना दी। इन शर्तों के रद्द होने से अब यह बाधा दूर हो गई है। परिणामस्वरूप शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों को बड़ी राहत मिली है।
– रवींद्र भोसले, अध्यक्ष, पुणे ठेकेदार संघ