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मूलचंदानी के मनमानी ऋण आवंटन से सेवा विकास बैंक डूबी-डब्बू आसवानी

पिंपरी- पिंपरी की सेवा विकास बैंक के पूर्व चेयरमैन अ‍ॅड अमर मूलचंदानी के गलत निर्णयों के कारण बैंक डूब गई,आरबीआई ने लाइसेंस रद्द किया। अपने हितचिंतकों,शुभचिंतकों को बिना किसी प्रॉपर्टी गहन किए लोन दिया,वसूली नहीं की,बैंक का एनपी बढ़ते गया,सहकार आयुक्त की ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ। मूलचंदानी और उनके सहयोगी संचालकों के विरुद्ध विभिन्न पुलिस स्टेशनों में अपराध दर्ज हुआ। इसमें गिरफ्तारियां भी हुई। आसवानी ब्रदर्स ने बैंक बचाने के लिए भरसक प्रयास किए। खाताधारकों का पैसा डूबने से बचाने की कोशिश की। ऐसा पूर्व नगरसेवक डब्बू आसवानी ने आज पत्रकार परिषद में खुलासा किया।

 

मूलचंदानी और उनके साथी निदेशकों पर ‘मकोका’ लगाओ- डब्बू आसवानी

डब्बू आसवानी ने यह भी कहा कि अगर वो समय पर खाताधारकों को सावधान नहीं किए होते तो आज कई लोग पैसा डूबने के चलते आत्महत्या कर चुके होते। 2008 में सेवा विकास बैंक का 0% एनपी था। 2014 में 20% एनपी ऑडिट रिपोर्ट में दर्ज है। लेकिन 2009 से लेकर 2020 तक बैंक का एनपी इतना बढ़ा कि बैंक का दिवाला निकल गया। लोन आवंटन ज्यादा,वसूली कम,ऐसी हालत में बैंक कंगाल हो गई। एड.मूलचंदानी के कार्यकाल में 429 करोड कर्ज आवंटन हुआ। कर्ज वितरण प्रक्रिया में अनियमिता बरती गई। एक उदाहरण देते हुए डब्बू आसवानी ने कहा कि 6 करोड कर्ज गाडी खरीदने के लिए मंजूर किया गया। नियम से चेक शोरुम अथवा डीलर के नाम भेजा जाना चाहिए था लेकिन वह एक सेविंग बैंक अकाउंट में डालकर उसी दिन पैसे की निकासी की गई। कोई भी गाडी खरीदी ही नहीं गई। इसी तरह गाडी खरीदने के नाम पर 52 करोड रुपये कर्ज मंजूर किए गए। डब्बू आसवानी ने मांग की है कि तात्कालीन चेयरमैन और सत्ताधारी संचालकों की प्रॉपर्टी फ्रीज करके लोन का पैसा वसूल किया जाए,साथ ही मूलचंदानी और उनके साथी निदेशकों को जिम्मेदार ठहराते हुए ‘मकोका’ के तहत कार्रवाई की जाए।

 

श्रीचंद आसवानी ने दी मूलचंदानी को ओपन चैलेंज

बिल्डर श्रीचंद आसवानी ने कहा कि वे बैंक बचाने के लिए आरबीआई के पास गए और 100 करोड बैंक के नाम पर एफडी जमा करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन आरबीआई ने एफडी लेने से इंकार करते हुए शेयर खरीदने की सलाह दी। बैंक बचाने के लिए संबंधित सरकारी कार्यालयों का दरवाजा खटखटाया लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। श्रीचंद आसवानी ने एड.मूलचंदानी को ओपन चैलेंज देते हुए कहा कि कीचडबाजी,आरोप-प्रत्यारोप करने से अच्छा है कि सार्वजनिक ठिकान पर आएं और खुला डिबेट करें। अगर बैंक डूबाने के लिए हमने किसी के घर अथवा दुकान जाकर बैंक से पैसा निकालने की बात कही हो,यह बात साबित हो जाती है तो वे पिंपरी चिंचवड शहर छोड़ देंगे। नई बैंक की स्थापना के सवाल पर श्रीचंद ने कहा कि आरबीआई अब सहकारी बैंकों को लाइसेंस देना बंद कर दिया है। बैंक के 300 कर्मचारी बेरोजगार हो गए,उनको रोजगार देने के बारे में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कई कर्मचारियों को हम अपने कंस्ट्रक्शन साइट,कार्यालय में रोजगार दिया और लोगों को रोजगार देने का प्रयास जारी है। एड. मूलचंदानी के साथ बैंक बचाने के लिए कई बार बैठक की लेकिन वो कभी भी अपनी जुबान पर नहीं टिके।

 

बैंक ऋण आवंटन में कैसे हुई अनियमिताएं?

डब्बू असवानी ने कहा कि एड. अमर मूलचंदानी 2009 से इस बैंक के अध्यक्ष हैं। बैंक के निदेशक मंडल द्वारा समय-समय पर किये गये अवैध ऋण आवंटन एवं अनियमित लेन-देन के संबंध में हम मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री,पालकमंत्री मंत्री,सहकारिता आयुक्त के साथ-साथ संबंधित सरकारी संस्थानों के संज्ञान में लिखित शिकायत की थी। साथ ही समय-समय पर बैंक में की गई गड़बड़ियों को उजागर करने के प्रयास भी किए गए। हमारी शिकायत का संज्ञान लेते हुए,संयुक्त रजिस्ट्रार लेखा परीक्षा राजेश जाधवार (दिनांक 6/8/2019)को इस बैंक की ट्रायल ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस ऑडिट रिपोर्ट में कई ऋण खातों को लेकर आपत्ति जताई गई थी। इसमें 429 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरण के संबंध में व्यापक रिकॉर्ड लिया गया है। इन ऋणों को संदिग्ध रूप से वितरित किया गया है और करोड़ों रुपये के ऋण उन लोगों को वितरित किए गए हैं जिनके पास वित्तीय क्षमता नहीं है। लेकिन संबंधित व्यक्ति को यह भी पता नहीं होता है कि उनके नाम पर कर्ज लिया गया है। कर्ज वसूली का नोटिस जारी होने के बाद ये बातें उजागर हुई।

 

प्रशासक नियुक्ति के बाद भी कर्ज वसूली में कोई इजाफा नहीं

प्रशासक की नियुक्ति के बावजूद बैंक की कर्ज वसूली में कोई इजाफा नहीं हुआ। नतीजतन आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस कार्रवाई से पिंपरी चिंचवड़ शहर में इस बैंक के सदस्यों और जमाकर्ताओं के वित्तीय हितों में बाधा उत्पन्न हुई है। इससे हजारों सदस्यों को आर्थिक नुकसान हुआ है। डब्बू असवानी ने कहा कि इसका विशेष पिंपरी क्षेत्र के व्यापारियों और सिंधी भाइयों पर दूरगामी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

 

आसवानी ब्रदर्स ने जताई शंका,है जान को खतरा,केंद्रिय गृहमंत्री को पत्र

इस भ्रष्ट निदेशक मंडल के पास दुपहिया वाहन खरीदने की आर्थिक क्षमता न होने के बावजूद अमर मूलचंदानी ने खुद करोड़ों रुपये मूल्य के चौपहिया वाहन खरीदकर कर्ज की राशि ली। अमर मूलचंदानी कोई उद्योग या व्यवसाय नहीं कर रहे हैं। हालांकि उन्हें करोड़ों रुपये की लग्जरी कारें कहां से मिलीं? इसकी जांच केंद्र सरकार के ईडी और आईटी विभाग को करना चाहिए। साथ ही अमर मूलचंदानी और उनके साथी निदेशक मंडल की सभी संपत्तियों और बैंक खातों की जांच उनकी चल,अचल संपत्ति को जब्त करके और उनके सभी बैंक खातों को सील किया जाना चाहिए। उद्यमी श्रीचंद असवानी ने मांग की है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि हमको अमर मूलचंदानी और उनके साथी निदेशकों से जान को खतरा है,जिसकी शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को की गई है।

 

श्रीचंद आसवानी ने की अमर मूलचंदानी की प्रशंसा

बिल्डर श्रीचंद आसवानी ने अमर मूलचंदानी की प्रशंसा करते हुए कहा कि शासन,प्रशासन में उनका संपर्क ऐर पकड जबर्दस्त है। अपनी पॉवर का इस्तेमाल बैंक के विकास,उत्थान और बचाव में लगाते तो शायद आज सेवा विकास बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं होता और सैकडों कर्मचारी बेरोजगार नहीं होते।

 

डब्बू आसवानी बनेंगे मावल के सांसद-श्रीचंद आसवानी

एक सवाल का जवाब देते हुए श्रीचंद आसवानी ने कहा कि वो कभी राजनीति में नहीं आएंगे,डब्वू आसवानी हमारे सिंधी समाज के नेता है। अगर सबका सहयोग मिला तो डब्बू आसवानी मावल के सांसद बन सकते है।

 

आपको बताते चलें कि दो दिन पहले एड.अमर मूलचंदानी ने एक प्रेसवार्ता में आरोप लगाया था कि आसवानी ब्रदर्स और उनके समर्थकों ने बैंक डूबोने के लिए पिंपरी कैम्प में घर घर,दुकान दुकान जाकर लोगों को भड़काया और बैंक में जमा पैसा निकालने के लिए प्रेरित किया। जिसके कारण बैंक डूब गई। इसी का जवाब देने के लिए आज आसवानी ब्रदर्स ने पत्रकार परिषद बुलाई थी।

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