पिंपरी- पुणे शहर के कार्यक्षम पुलिस कमिश्नर अभिताभ गुप्ता ने अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान क्राइम कंट्रोल और जीरो टॉलरेंस पर ठोस कदम उठाया। इसमें से अपराध गिरोह की कमर तोडने के लिए मकोका सबसे असरदार हथियार साबित हुआ। 20 सितंबर 2020 से लेकर 7 अक्टूबर 2022 तक आयुक्त गुप्ता ने मकोका की कार्रवाई में सेंचुरी लगा लगा चुके है। आज पत्रकार परिषद में खुद अभिताभ गुप्ता ने यह जानकारी दी। इस अवसर पर रामनाथ पोकले(अप्पर आयुक्त-अपराध) और चव्हाण
670 अपराधियों पर 100 मकोका की कार्रवाई
आयुक्त गुप्ता ने कहा कि 20 सितंबर 2020 से दिसबंबर 2020 तक 7 मकोका 54 अपराधियों के विरुद्ध लगाए गए। जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 के बीच 56 मोकाक की कार्रवाई 400 अपराधियों के खिलाफ की गई। जनवरी 2022 से 7 अक्टूबर तक 37 मकोका की कार्रवाई 216 अपराधियों के खिलाफ दर्ज हुई। कुल 100 मकोका और 670 अपराधियों पर लगा। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड दर्ज हुआ है। पुणे के गैंगस्टर,गिरोजबाज सलाखों के पीछे कैद हैं या फिर शहर छोडकर भाग गए है। यह कहने में कोई संकोच नहीं कि शहर का क्राइम ग्राफ कम हुआ है। लेकिन पिछले दिनों 24 घंटों में 3 मर्डर की वारदातें पुलिस कमिश्नर को झझकोर कर रख दिया। पुलिस के कामकाज पर सवालिया निशान लगा दिया।
प्रमुख गैंग जिन पर लगा मकोका
पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बताया कि पहली मकोका की कार्रवाई हडपसर पुलिस स्टेशन की सिफारिश रिपोर्ट के आधार पर की गई। पचासवीं मकोका की कार्रवाई कोथरुड पुलिस स्टेशन की रिपोर्ट के आधार पर गैंगस्टरों पर की गई। मकोका की कार्रवाई जिन प्रमुख गैंगस्टर गिरोह के विरुद्ध की गई उनके नाम इस प्रकार है। 1) बंडु आंदेकर 2) निलेश घयवाल 3) सचिन पोटे 4) बापु नायर 5) सुरज ठोंबरे 6) महादेव अदलिंगे 7) अक्रम पठाण ये प्रमुख गिरोहों पर मकोका की कार्रवाई की गई।
लोन एप से ठगने वाले गिरोह पर मकोका
पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने राज्य और देश भर के नागरिकों को ठगने वाले गिरोह के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पिछले डेढ़ साल में पुणे पुलिस ने शहर में 100 गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई की है। मोक्का ऑपरेशन से शहर में संगठित अपराध आग की चपेट में आ गया है।
लोन एप के जरिए ठगी की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। पिछले तीन साल में पुणे शहर और जिले में पांच हजार लोगों को लोन एप के जरिए ठगा गया। हाल ही में एक ऐसी घटना हुई थी जहां एक युवक ने लोन एप को लेकर हुए विवाद में आत्महत्या कर ली। पुलिस कमिश्नर गुप्ता ने साइबर पुलिस को लोन एप के जरिए ठगी करने वाले गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। उसके बाद साइबर पुलिस ने बेंगलुरु,सोलापुर,पुणे इलाके में कार्रवाई करते हुए 18 लोगों को गिरफ्तार किया। बेंगलुरु में एक गैंग रन कॉल सेंटर पर छापा मारा गया। अपराध दर्ज किए गए कि देश के नागरिकों को ऋण ऐप के माध्यम से धोखा दिया गया। इस तरह ठगी करने वाले चोरों की परेशानी से नागरिकों को परेशानी हो रही थी। पुलिस आयुक्त गुप्ता ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी कि इस गिरोह के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप कार्णिक,अतिरिक्त आयुक्त रामनाथ पोकले,डॉ.जालंधर सुपेकर,उपायुक्त साइबर अपराध शाखा भाग्यश्री नवताके,उपायुक्त श्रीनिवास घाडगे आदि उपस्थित थे।
लोन एप मामले में मोक्का कार्रवाई का प्रस्ताव साइबर क्राइम ब्रांच की वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मीनल सुपे पाटिल ने पेश किया। तदनुसार, धीरज भारत पुनेकर (उम्र 36, कुम्था नाका, सोलापुर), स्वप्निल हनुमंत नागतिलक (उम्र 29, पप्पाराम नगर, बीजापुर रोड, सोलापुर), श्रीकृष्ण भीमन्ना गायकवाड़ (आयु 26, भकराईनगर, फुरसुंगी, हडपसर), प्रमोद जेम्स रान सिंह (उम्र 43, मुमताजनगर, कुम्था नाका,सोलापुर),सैमुअल संपत कुमार (उम्र 40), सैयद अकिब पाशा (उम्र 23), मुबारक अफरोज बेग (उम्र 22), मुजीब बरंद कंडियाल इब्राहिम (उम्र 42),मोहम्मद मनियम पिट्टा मोहिदु (उम्र 32, सभी बैंगलोर,कर्नाटक) के खिलाफ कार्रवाई की गई।
इस मकोका कार्रवाई के साथ ही पुुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता की सेंचूरी मकोका कार्रवाई टारगेट पूरा हुआ।