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असली शिवसेना किसकी? अब तय करेगा चुनाव आयोग

नई दिल्ली- महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। अर्जी में चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक की मांग थी। इस प्रक्रिया में चुनाव आयोग को यह तय करना है कि असली शिवसेना कौन सी है। शिवसेना पार्टी पर दूसरा दावा सीएम एकनाथ शिंदे गुट का है।

उद्धव गुट की दलील
उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव सिंबल के आवंटन को लेकर चल रही कार्रवाई रुकी रहनी चाहिए। सिब्बल ने दलील दी कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों की अयोग्यता का मसला अभी लंबित है। ऐसे में उस पर फैसला हुए बिना चुनाव आयोग को असली पार्टी पर फैसला लेने से रोका जाना चाहिए।

शिंदे कैंप का जवाब
शिंदे गुट के लिए पेश वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि चुनाव आयोग अपने पास उपलब्ध कराए गए तथ्यों के आधार पर पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर फैसला लेता है। यह आयोग का संवैधानिक काम है. उसे इससे नहीं रोकना चाहिए। चुनाव आयोग के वकील अरविंद दातार ने कहा कि आयोग अपना संवैधानिक दायित्व निभा रहा है। उसे नहीं रोका जाना चाहिए। आयोग यह नहीं देखता है कि कौन विधायक है, कौन नहीं। सिर्फ पार्टी सदस्य होना पर्याप्त है।

सुप्रीम कोर्ट से उद्धव गुट को झटका लगा है जो एकनाथ शिंदे गुट के लिए राहत जैसा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चुनाव आयोग को यह तय करना है कि असली शिवसेना उद्धव गुट वाली है या फिर शिंदे गुट वाली। उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की थी। इस मांग को अब खारिज कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्वाचन आयोग में पार्टी पर प्रभुत्व, नाम और निशान के अधिकार को लेकर जारी प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट का यह फैसला उद्धव गुट के लिए आफत तो शिंदे गुट के लिए राहत जैसा है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग सिंबल मामले पर सुनवाई करने को स्वतंत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई पर अब कोई रोक नहीं होगी। इसी के साथ उद्धव ठाकरे ग्रुप की अर्जी खारिज हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद अब एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. इस पत्र में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का जिक्र किया गया है। शिंदे गुट चाहता है कि अब चुनाव आयोग जल्द इस मामले में एक्शन ले।

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