पिंपरी- महाराष्ट्र के राज्यपाल ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया था जिसके चलते महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई थी। इस बयानबाजी के विरोध में आज पिंपरी चिंचवड़ राष्ट्रवादी पार्टी की ओर से विरोध प्रदर्शन कर निषेध व्यक्त किया। इस दौरान राष्ट्रवादी की ओर से राज्यपाल के निषेध में जो बैनर कार्यकर्ताओं के हाथ में था उसमें राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी की जगह नाम बदलकर भरतसिंह कोश्यारी किया गया। शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे के नेतृत्व में यह निषेध मोर्चा आंदोलन चिखली में हुआ।
पिंपरी चिंचवड़ शहर के चिखली परिसर में आज एनसीपी पार्टी और वाहतूक महासंघ की ओर से राजयपाल महामहिम भगतसिंह कोश्यारी ने मराठी अस्मिता का अपमान किया है,राजस्थानी और गुजराती मुम्बई से चले जायेंगे तो महाराष्ट्र में पैसा नहीं बचेगा, ऐसा विवादित बयान राज्यपाल द्वारा दिया गया था। आज एनसीपी पार्टी कार्यकर्ता द्वारा राजयपाल भगतसिंह कोश्यारी चले जाओ,भगतसिंह कोश्यारी गो बैक जैसे नारे लगाए। बड़ी संख्या में एनसीपी कार्यकर्ता इस आंदोलन में उपस्थित थे।
शहराध्यक्ष अजित गव्हाणे ने कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर है और वे मराठी माणुस का अपमान हो ऐसा बयान देना गलत है। उनके बयान से महाराष्ट्र के मराठी माणुस का घोर अपमान हुआ है। जिसका हम निषेध करते हैं। इस बयानबाजी का एनसीपी विरोध करती है और राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से मुक्त कर उन्हें अपने राज्य वापस भेजा जाए। ऐसा शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे ने कहा।
आंदोलन के दौरान राष्ट्रवादी पार्टी की ओर से बड़ी चूक सामने आयी है। आंदोलन के लिए बनाए गए बैनर में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी का नाम भरतसिंह कोश्यारी लिख दिया गया। जैसे ही एनसीपी स्थानीय नेताओ के ध्यान में यह बात आयी तो उन्होंने इस पर चुप्पी साथ ली।