नई दिल्ली/पिंपरी- सुप्रीम कोर्ट ने तात्कालीन उद्धव सरकार द्धारा प्रस्तुत बंठिया आयोग (ओबीसी आरक्षण) की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इसलिए स्थानीय स्वशासन निकायों में ओबीसी समुदाय के राजनीतिक आरक्षण की बहाली का मार्ग प्रशस्त किया गया है। ओबीसी आरक्षण वाले स्थानीय निकायों के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। इससे राज्य में ओबीसी समुदाय को बड़ी राहत मिली है। इसी के साथ पिंपरी चिंचवड,पुणे,मुंबई,नासिक समेत 10 महानगरपालिकाओं के चुनाव की घोषणा आगामी दो हफ्ते में की जाएगी। ओबीसी वर्ग में खुशी की लहर है। पालिका प्रशासन अब फिर से ओबीसी के लिए आरक्षण,प्रभाग रचना नए सिरे से बना सकती है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के बाद राज्य ने एक विशेष कानून पारित कर चुनाव का अधिकार ले लिया। उसके बाद राज्य में विभिन्न नगर पालिकाओं के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। इस बीच महाविकास अघाड़ी सरकार ने ओबीसी समुदाय को राजनीतिक आरक्षण देने के लिए बनठिया आयोग का गठन किया था। इस आयोग ने उपनामों के आधार पर डेटा एकत्र किया। वह डेटा सुप्रीम कोर्ट में जमा किया गया था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा नियुक्त बंठिया आयोग ने अनुभवजन्य डेटा सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया है। साथ ही कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रिपल टेस्ट भी पूरा कर लिया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण के हिसाब से चुनाव कराने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने अगले दो हफ्ते में चुनाव की घोषणा करने के भी निर्देश दिए हैं।
महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों (ओबीसी आरक्षण) के चुनाव बाधित हो गए हैं। इसमें और देर न करें। कोर्ट ने अगले दो सप्ताह के भीतर चुनाव की घोषणा करने का भी निर्देश दिया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही पालिका चुनाव की लड़ाई शुरू हो जाएगी।