मुंबई- शराब करों में कटौती को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना करने वाले भाजपा नेता अब राज्य के बजट में जनहित के प्रावधानों का स्वागत नहीं कर रहे हैं। वे मध्य प्रदेश में कर कटौती योग्य हैं। यानी बीजेपी को महाराष्ट्र राज्य में ’पवित्र’ सोमरस और पावशेर की धारणा है, ’महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस सचिव श्रीरंग बरगे ने ऐसा कहा। इससे पहले भाजपा नेताओं ने कोरोना काल में शराब पर टैक्स कम करने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि यह बेवकूफों,बेवड़ों की सरकार है। उनके अनुसार भाजपा को अब राज्य के बजट में बेवड़ों के बजट का प्रावधान नजर आ रहा है।
इस साल के राज्य के बजट में व्यापारियों और उद्यमियों के लिए कई अच्छे प्रावधान किए गए हैं। किसानों के साथ-साथ नियमित रूप से अपना ऋण चुकाने वाले किसानों के लिए भी सब्सिडी प्रदान की गई है। व्यापारियों के लिए अभय योजना की घोषणा की गई है। सीएनजी पर टैक्स में कटौती से गृहणियों और आम जनता को बड़ी राहत मिली है व्यापार और उद्योग को बढ़ाने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना और आदिवासी क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान करना। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को इन प्रावधानों का स्वागत करना चाहिए और अच्छे लोगों को अच्छा कहना चाहिए।
भाजपा ने महाराष्ट्र में शराब कर में कटौती की आलोचना की लेकिन मध्य प्रदेश में भी शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं की घोषणा की गई। उस राज्य में शराब कर भी कम कर दिए गए थे। हालांकि किसी ने उनकी शराबी के रूप में आलोचना नहीं की। यानी पवित्र सोमरस के राज्य में बीजेपी के नेताओं और कांग्रेस के राज्य पावशेर में अंतर है।