पिंपरी-गत 2 वर्षो से कोरोना महामारी के चलते आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे पुणे महापालिका को राज्य सरकार ने अनुदान देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने शहर में संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत स्टांप शुल्क महापालिका को देने का फैसला किया है। पिंपरी-चिंचवड़ महापालिका को 20 करोड़ 21 लाख 84 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। संपत्ति के क्रय-विक्रय पर राज्य सरकार से स्टाम्प शुल्क वसूल किया जाता है। राज्य सरकार उस शुल्क का एक प्रतिशत महापालिका को देती है। राशि का भुगतान शहर में संपत्तियों की संख्या के अनुसार किया जाता है। सरकार ने राज्य के 26 महापालिका को स्टांप शुल्क की दूसरी किस्त का भुगतान करने का निर्णय लिया है।
कोरोना की स्थिति से राज्य के सभी नगर पालिकाओं के राजस्व संग्रह में भारी गिरावट आई है। साथ ही महापालिका को कोरोना से बचाव के उपाय करने होंगे और मुफ्त इलाज की व्यवस्था करनी होगी। महापालिका द्वारा इस अधिक खर्च किए जाने की तस्वीर सामने आ रही है। जिसके चलते महापालिका का बजट गड़बड़ाया है। राज्य सरकार द्वारा महापालिका को वस्तु एवं सेवा कर सब्सिडी दी जाती है। इस अनुदान से अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाता है। यही परिस्थिति अन्य महापालिकाओं की भी है।
हालांकि कोरोना संक्रमण पर काबू पा लिया गया है,लेकिन तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। इसके लिए महापालिका ने पूर्व तैयारी कर ली है और इस पर काफी धनराशि खर्च की जा रही है। कोरोना से बचाव की योजना के चलते महापालिका गत 2 वर्षों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। महापालिका ने राज्य सरकार से इसकी बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की थी। जिसका महापालिका लगातार जाँच कर रहा ह राज्य सरकार ने महापालिका को स्टांप शुल्क देने का फैसला किया है।