पिंपरी- आखिरकार जिस बात का डर था वही हुआ,दीवाली के 15 दिन पहले सेवाका विकास बैंक का दीवाला निकल गया। बैंक का लाइसेंस आरबीआई ने रद्द कर दिया है। खाताधारकों में हड़कंप मच गया है। खाताधारक अपनी जमापूंजि को लेकर परेशान है। पिंपरी चिंचवड शहर की सेवा विकास सहकारी बैंक का रजिस्ट्रेशन(लाइसेंस) आरबीआई ने रद्द कर दिया है। यह खबर सुनते ही हजारों खाताधारकों में हड़कंप मच गया है। बैंक में अपना जमापूंजि मिलेगा या नहीं इस बात की चिंता सताने लगी है। आगामी 6 महिनों तक बैंक का कामकाज आरबीआई की देखरेख में होगा। इस संबंध में आरबीआई द्धारा एक आदेश जारी किया गया है।
आरबीआई ने पिछले 6 महिने से इस बैंक पर अगरवाल नामक अधिकारी को प्रशासक के रुप में नियुक्त किया है। अगरवाल ने बैंक की आर्थिक हालत के बारे में आरबीआई को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। जिसको गंभीरता से लेते हुए आरबीआई ने सेवा विकास बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सेवा विकास बैंक को निर्देश दिया है कि उसके आदेश के बिना किसी भी प्रकार की जमापूंजि का नुतनीकरण,नया निवेश,फिक्स डिपाजिट,कर्ज वितरण,कर्जदारों के संपत्ति विक्री,खरीदी,निलामी,आपसी समझौता आदि नहीं कर सकती। इन सभी मुद्दों पर सख्त रोक लगा दी है। कोई भी खाताधारक बैंक से 1 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं कर सकता। इस संबंध में बैंक के सभी शाखाओं में नोटिस चिपकायी गई है।
आपको बताते चलें कि कुछ महिने पूर्व पुणे की भोसले सहकारी बैंक का इसी तरह डूबने से आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करके आरबीआई ने प्रशासक की नियुक्ति कर दी थी। राज्य में कई सहकारी बैंकों का दीवाला निकल चुका है। सेवा विकास बैंक की बात करें तो तत्कालीन चेयरमैन अमर मूलचंदानी और उनकी संचालक टीम तथा बैंक के अधिकारी वर्ग ने मिलकर बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार,घोटाला,अनियमिता की। जिसकी शिकायत विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज है।
इस मामले में अमर मूलचंदानी समेत कई अधिकारी,संचालकों को जेल तक जाना पडा। कुछ आज तक फरार है। एक नहीं करीबन 12 अपराध विभिन्न मामलों में दर्ज है। बैंक में करीबन 400 करोड का कर्ज वितरण अनियमता के तहत वितरण किया गया जिसको अधिकांश लोगों ने नहीं भरा। जिसका नतीजा यह हुआ कि बैंक धीरे धीरे डूबने लगी। वर्तमान में खाताधारकों को अपना पैसा नहीं मिल रहा है। अभी तक महिने में 10 हजार निकालने का चलन था लेकिन अब केवल 1 हजार ही निकाल सकते हैं।