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प्राधिकरण निवासी धारकों को मिलेगा संपत्ति कार्ड-श्रीरंग बारणे

पिंपरी-पिंपरी-चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण (पीसीएनटीडीए) को बर्खास्त करने का महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा लिया गया फैसला ऐतिहासिक है। पीसीएनटीडीए के विकसित क्षेत्र को पिंपरी-चिंचवड़ पालिका को हस्तांतरित करने के साथ ही भवन निर्माण की अनुमति पालिका को दे दी गई है। पालिका को योजना प्राधिकरण की शक्तियां भी दी गई ह््ैं। साथ ही जिस जमींन पर अतिक्रमण किया गया है उसे पालिका को हस्तांतरित कर दिया गया है। इसलिए इन निर्माणों को वैध बनाने का विकल्प खुला है। ऐसा शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा।
राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार ने प्राधिकरण को पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के साथ विलय करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसकी आधिकारिक अधिसूचना भी 7 जून को प्रकाशित की गई है।

पीएमआरडीए और पीसीएमसी को मिला अधिकार
पीएमआरडीए और पीसीएमसी को शक्तियां सौंपी गई ह््ैं। शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा कि इस फैसले से शहर के लोगों को फायदा होगा। इस समय शिवसेना नगरसेवक एड. सचिन भोसले,जिला संयोजक सुलभा उबाले,गौतम चाबुकस्वार आदि उपस्थित थे। सांसद बारणे ने कहा कि 50 साल पहले स्थापित पिंपरी-चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण अपने मूल उद्देश्य से भटक गया था। पीसीएनटीडीए निर्धारित अवधि के भीतर भूमि अधिग्रहण करने में विफल रहा। समय पर विकास नहीं हो सका। नतीजतन,पीसीएनटीडीए सेक्टर ठप हो गया। इसलिए शिवसेना की भूमिका शुरू से ही थी कि राज्य सरकार पीसीएनटीडीए को भंग कर पिंपरी-चिंचवडकर को न्याय दिलाने की थी। शिवसेना 2008 से लगातार आंदोलन कर रही थी। शिवसेना की भूमिका पीसीएनटीडीए की सीमा के भीतर हुए अवैध निर्माणों को न्याय दिलाना है। पीसीएनटीडीए की बर्खास्तगी के कारण इन सभी निर्माणों को पिंपरी-चिंचवड़ पालिका को हस्तांतरित कर दिया गया है। इन निर्माणों को वैध बनाने का विकल्प अब खुला है।

प्राधिकरण का 110 करोड डिपॉजिट अब पीएमआरडीए को ट्रांसफर
पीसीएनटीडीए के पास करीब 110 करोड़ रुपये की डिपाजिट जमा है। ये जमा राशि पीएमआरडीए को दी जाएगी। 480 हेक्टेयर भूमि पीसीएनटीडीए के पास है। इसमें से 240 हेक्टेयर पर कब्जा कर लिया गया है और उस पर निर्माण कार्य किया जा चुका है। शिवसेना ने राज्य सरकार को निर्माण क्षेत्र को संपत्ति धारक के नाम हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है। 90 हेक्टेयर भूमि पर पार्क और खेल के मैदान जैसी विभिन्न सुविधाएं ह््ैं। ये सारी सुविधाएं पालिका को सौंपी जाएंगी। 150 हेक्टेयर जमींन खाली है। सेक्टर 4,5,9,12,13,अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र,प्रधानमंत्री आवास योजना आदि पीएमआरडीए को सौंपे जाएंगे। 150 हेक्टेयर में से करीब 36 हेक्टेयर जमीन 12.5 फीसदी पर लौटानी है। इसलिए किसानों को अतिरिक्त एफएसआई के साथ 36 हेक्टेयर भूमि की प्रतिपूर्ति की जाएगी 150 हेक्टेयर में से करीब 36 हेक्टेयर जमीन 12.5 फीसदी पर लौटानी है। इसलिए किसानों को अतिरिक्त एफएसआई के साथ 36 हेक्टेयर भूमि की प्रतिपूर्ति की जाएगी। श्रीरंग बारणे ने यह भी कहा कि अगले दौर में सरकार 12.5 फीसदी किसानों के रिटर्न की समस्या का समाधान करेगी।

हर संपत्ति के मालिक को संपत्ति कार्ड दिलाने का प्रयास
सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा कि थेरगांव,राहटणी,कालेवाड़ी,वाकड,भोसरी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पीसीएनटीडीए के स्वामित्व वाली जमीन को पिंपरी पालिका को हस्तांतरित कर दिया गया है। इस क्षेत्र में गरीब,मेहनती नागरिकों ने एक भूखंड पर मकान बना लिया है। इन मकानों को नाममात्र का शुल्क वसूल कर,निवासियों के नाम संपत्ति कार्ड बनवाकर नियमित किया जाएगा। लीजहोल्ड संपत्ति पूर्व-धारित होगी और एक संशोधित अध्यादेश जारी किया जाएगा।

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