पुणे- भारत के कोरोना रोकथाम टीकाकरण अभियान में हर किसी को जल्दी और टीकाकरण करना एक गलती है,भले ही टीकों का पर्याप्त स्टॉक हो और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित टीकाकरण प्राथमिकताओं की अवहेलना करे्ं। डॉ.सुरेश जाधव ने ऐसा कहा। टीकाकरण एवं कोरोना रोकथाम कार्यक्रम के संबंध में डॉ.सुरेश जाधव ने एक निजी संस्था के टेलीविजन टॉक शो में हिस्सा लिया था। इस समय डॉ.जाधव ने भारत के टीकाकरण अभियान में खामियां बताई्ं।
जिस समय देश में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था,उस समय समूह के टीकाकरण को पूरा करने के लिए टीकों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध था। हालांकि बाद के टीकाकरण अभियानों ने सभी आयु समूहों को कवर करने वाले उपलब्ध वैक्सीन स्टॉक पर ध्यान नहीं दिया। देश के 50 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता और अन्य मोर्चों पर काम करने वाले लोग टीकाकरण से वंचित हैं,इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आबादी कितनी बड़ी है।
डॉ जाधव ने कहा कि आपात अनुमति देते हुए सभी निर्माण कंपनियों के टीके की दो खुराक के बीच चार सप्ताह का अंतर तय किया गया था। टीकाकरण की सूचना मिलते ही यह अंतर और चौड़ा हो गया। भारत सरकार ने हाल ही में दो खुराक के बीच 12 सप्ताह का अंतर तय किया है। इसलिए, अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द पहली खुराक मिलेगी,और एस्ट्राजेनेका की नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार दो खुराक के बीच की दूरी बढ़ाने से भी अधिक सुरक्षा मिल सकती है। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में मरीजों की संख्या कम होने लगी और हम चिंतित हो गए। यह मानते हुए कि कोरोना खत्म हो गया है, हम सभी तरह के त्योहारों, समारोहों को मनाने के लिए एक साथ आए्। इसी उदासीनता के कारण दूसरी लहर के दौरान अत्यंत गंभीर स्थिति का सामना करने का समय आ गया।