पिंपरी- महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा के बडबोलेपन प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने यूपी-बिहारी लोगों के प्रति जहर उगलते हुए कहा कि इनके बच्चे पुणे समेत महाराष्ट्र के बडे शहरों में पढने के लिए आते है। बडे नामचीन शिक्षा संस्थानों में डॉक्टर,इंजीनियर बनने के लिए 50 लाख रुपये डोनेशन देकर प्रवेश लेते है। यह पैसा इनके पिता यूपी-बिहार से भेजते है। फिर यही लोग पढ़ लिखकर यूपी-बिहार जाते है,शादी करते है और दहेज में मोटी रकम लेते है। ऐसे लोगों का महाराष्ट्र के विकास में क्या योगदान है? शिक्षा संस्थान मराठी भाषिक बच्चों को प्रवेश नहीं देते क्योंकि उनसे डोनेशन के रुप में मोटी रकम नहीं मिलती। ये लोग मराठी बच्चों को अपने संस्थानों में नौकरी नहीं देते।
चंद्रकांत पाटिल की जुबान कोई पहली बार नहीं फिसली। आए दिन अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में बने रहते है। चुनाव के वक्त इन्हीं यूपी-बिहारी मतदाताओं के पास जाकर वोटों की भीख मांगते है। फिर काम निकला… दिन बिसरा की राह पर चल पडते है। जिन यूपी-बिहार के लोगों के प्रति जहर उगल रहे है वही लोग यूपी-बिहार में भाजपा की सरकार बनवाए, केंद्र में दो बार सरकार बनवाए,महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनवाए,अब ये लोग इनके लिए दहेज लोभी हो गए।
यूपी-बिहार से अगर बच्चे पढने आते है तो इनके पेट में दर्द क्यों होता है। चंद्रकांत पाटिल को शायद मालूम नहीं कि यूपी बिहार के लोग मेहनती होते है,कर्मयोगी होते है,अपनी मेहनत के दम पर हरक्षेत्र में अपनी जगह बनाना जानते है। वर्तमान में 50 फीसदी आयएएस और आयपीएस अधिकारी यूपी-बिहार से है जो महाराष्ट्र का प्रशासनिक कामकाज देख रहे है। चंद्रकांत पाटिल अपने बडबोलेपन बयानबाजी से बाज आए और यूपी-बिहार के लोगों के प्रति जहर उगलना बंद करें।