नई दिल्ली- भारत ने कोरोना की दवा बनाई है। डीआरडीओ की इस दवा को इमरजेंसी मंजूरी दी गई है। कोरोना कहर में जहां भविष्य में दवाईयां कम पडने वाली है वहीं डीआरडीओ ने एक राहत भरी खबर लेकर आया। भारत के औषधि महानियंत्रख(डीसीजीआई) ने डीआरडीओ की ओर से विकसित इस कोविड रोधी दवा को आपात प्रयोग के लिए मंजूरी दी है। यह दवा मुंह के माध्यम से ली जाएगी। गंभीर कोरोना मरीजों को देने की अनुमति दी गई है।
यह दवा में पैकेट में पाउच की तरह होती है। पानी में घोल कर मरीजा को पिलाया जाता है। यह ऑक्सीजन की जरुरत को कम करती है। मतलब मरीजा को ऑक्सीजन न मिले तो भी यह दवा रिकवर करने में मददगार साबित होगी। दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच 27 कोविड सेंटरों में इस दवा का ट्रायल हो चुका है। दिल्ली,यूपी,पश्चिम बंगाल,महाराष्ट्र,राजस्थान,आंध्रा प्रदेश,तेलंगाना,कर्नाटक,तमिलनाडु में दवा का ट्रायल हुआ।
ऑक्सिजन की निर्भरता को कम करती है
मंत्रालय ने बताया कि क्लिनिकल टेस्ट में सामने आया कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सिजन की निर्भरता को कम करती है। इस दवा को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नामिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने हैदराबाद के डॉ.रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर विकसित किया है।