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सांसद,विधायक अपने खर्च से कोविड सेंटर बनाएं,कोरोना से शहरवासियों की जान बचाएं

पिंपरी- कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने महाराष्ट्र को जकड़ लिया है। पुणे और पिंपरी चिंचवड शहर में कोरोना तांडव मचा रखा है। सारी लोकल स्वास्थ्य सेवाएं नाकाम साबित हो रही है। सरकारी,प्रायवेट हॉस्टिपलों में बेड,ऑक्सीजन,रेमडिसिवीर इंजेक्शन,वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है। हर दिन फोन पर यही पूछताछ की जा रही है कि… भाई रेमडिसिवीर इंजेक्शन कहीं मिलेगा क्या? कहीं बेड खाली है क्या?भाई वेंटिलेटर बेड कहां मिलेगा? भाई ऑक्सीजन सिलेंडर देखो,ब्लड प्लाज्मा कहीं मिलेगा तो बताओ,एचआर सीटी स्कोर 22 है क्या करुं?...ऐसे दिनभर फोन नेताओं,नगरसेवकों,जान पहचान वालों के पास कोरोना मरीज के घर वाले करते है। शहर की ऐसी हालत इससे पहले कभी नहीं थी।
मनपा,प्रायवेट हॉस्पिटल अपनी क्षमता के अनुसार मरीजों की सेवा कर रहे है। लेकिन मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण वह भी नाकाफी है। हमारे पिंपरी चिंचवड शहर के 2 सांसद, 3 विधायक क्या कर रहे है? केवल पत्राव्यवहार। पालिका आयुक्त को पत्र लिखकर कमियां गिना रहे,राज्य सरकार की नाकामियां गिना रहे है। मुफ्त में ज्ञान बांट रहे है। लेकिन खुद कुछ नहीं कर रहे। सवाल तो उठेगा ही।
शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे- मावल लोकसभा से लगातार दो बार सांसद निर्वाचित हुए। मनपा भवन में कोरोना वॉर रुम देखने जाते है। आयुक्त को निर्देश देते है लेकिन खुद क्या कर रहे है? आज सांसद बारणे के पास इतनी ताकत है कि खुद के खर्च से थेरगांव में वेंगसकर क्रिकेट स्टेडियम में कोविड सेंटर निर्माण करके संकट की घडी में अपने मतदाताओं को बेमौत मरने से बचा सकते है। प्रायवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों,नर्सों की मदद ले सकते है। लेकिन ऐसा नहीं कर रहे। केवल पत्रव्यवहार,बयानबाजी तक सीमित है। संसद रत्न तक उनकी दूनिया सिमट कर रह गई है।
विधायक लक्ष्मण जगताप- लक्ष्मण जगताप के एक इशारे पर दानवीरों की कतार लग जाती है। खुद के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। पालिका आयुक्त को पत्रव्यवहार और मुफ्त में ज्ञान बांटने से अच्छा होता कि वे सांगवी के जिस पीडब्ल्यू मैदान में आज तक बडे बडे हायटैक कार्यक्रम लेते है वहीं खुद के और अपने दानवीर मित्रों के सहयोग से क्या एक कोविड सेंटर खडा नहीं कर सकते। कम से कम चिंचवड विधानसभा क्षेत्र की कोरोना रोगियों का इलाज तो किया जा सकता है। लोकल डॉक्टरों की मदद ले सकते है। इसमें कम गंभीर वाले रोगियों को भर्ती करके प्राथमिक इलाज किया जा सकता है। इससे पालिका के हॉस्पिटलों में मरीजों का बोझ कम किया जा सकता है। अगर गंभीर स्थिति में मरीज है तो उसे पालिका हॉस्पिटलों में स्थनांतरित किया जा सकता है। कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद मरीज पालिका हॉस्पिटल में बेड का जुगाड करने लगते है। जिससे बेड फुल हो जाते है। गंभीर हालत वाले मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं हो पाता और उनकी मौत हो जाती है। विधायक जगताप किसी मायने में कमजोर नहीं है। लेकिन केवल इच्छाशक्ति की कमजोरी है।
विधायक महेश लांडगे- हर साल महेश लांडगे इंद्रायणी थडी के नाम पर करोड रुपये पानी की तरह बहा देते है। भोसरी के जत्रा मैदान में क्या खुद के और अपने पूंजिपति मित्रों के सहयोग से एक कोविड सेंटर का निर्माण नहीं कर सकते? कर सकते है। लेकिन इच्छा शक्ति चाहिए। केवल पालिका के भरोसे रहकर जनता को रामभरोसे छोड देना अशोभनीय है। संकट की इस घडी में महेश लांडगे भोसरी विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए रामदूत हनुमान बनकर संकट मोचन का काम कर सकते है।
पिंपरी के विधायक अण्णा बनसोडे-ये महोदय विधायक का चुनाव अपने बिल्डर,पूंजिपतियों के आर्थिक सहयोग से लडा। क्या आज संकट की घडी में पिंपरी के मतदाताओं के लिए कोविड सेंटर शुरु करके लोगों की जान बचा सकते है। सरकार में है। सरकार से सहयोग ले सकते है। इनके क्षेत्र में लोकमान्य,स्टार,निरामय जैसे बडेे हॉस्पिटल है उनके डॉक्टरों से सहयोग लेकर कोविड सेंटर में उपचार शुरु कर सकते है। लेकिन अण्णा बनसोडे न प्रत्यक्ष न अप्रत्यक्ष कहीं नहीं सक्रिय दिख रहे।
डॉ.अमोल कोल्हे- भोसरी विधानसभा क्षेत्र की मतदाता इनको सांसद बनाया। इनका दायित्व बनता है कि संकट की घडी में जनसहयोग से एक कोविड सेंटर निर्माण करके बेमौत मर रही जनता को बचाने का काम करे। कलाकार हैं,खुद डॉक्टर है,इसका उपयोग जनहित कार्य में लगाना चाहिए। लेकिन संसद महोदय का कहीं कोई अता पता नहीं। अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। जनता इनसे भी कामों का हिसाब मांगेंगी।
सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर ने पारनेर के राकांपा विधायक निलेश लंकेश का उदाहरण देते हुए कहा कि यह युवा अपने क्षेत्र में 1100 बेड का कोविड सेंटर अपने खर्च से तैयार किया। श्रीगोंदा की अनुराधा नागवडे ने 250 बेड का कोविड सेंटर तैयार किया। फिर पिंपरी चिंचवड शहर के सांसद,विधायक,नगरसेवक खुले मैदान,मंगल कार्यालय में खुद के खर्च से कोविड सेंटर का निर्माण क्यों नहीं कर सकते?

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