मुंबई- कोरोना महामारी संकट की घडी में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पालकों और छात्रों के लिए एक दिलासा भरी खबर आयी है। कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के सभी छात्रों को बिना परीक्षा लिए उत्तीर्ण करने का निर्णय लिया गया है। आज ऐसी घोषणा महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने की है।
आपको बताते चलें कि पहली से लेकर चौथी तक पूरे साल स्कूल को बंद रखा गया था। छात्रों की केवल ऑनलाइन पढाई हो रही थी। 5 से लेकर 8 वीं तक की कक्षाएं शुरु की गई थी लेकिन एक महिने में ही कोरोना के बढते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए फिर से स्कुल को बंद रखने का निर्णय लिया गया। अब 30 अप्रैल तक सभी स्कूल,कालेजों को बंद रखा गया है।
वर्षा गायकवाड़ ने कहा, हम सभी जानते हैं कि राज्य में कोरोनरी रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में, जैसा कि मैं आज आपके साथ बातचीत करती हूं, मैं ग्रेड एक से आठ तक के वार्षिक मूल्यांकन के संदर्भ में बात करूंगी। मुझे कहना होगा कि इस बीच हमने ऑनलाइन,ऑफलाइन यूट्यूब,गूगल आदि के माध्यम से सीखना जारी रखा। वास्तव में पहली से चौथीे कक्षा तक, हम इस साल स्कूल शुरू नहीं कर सके हमने पांचवीं से आठवीं तक के स्कूल शुरू किए, लेकिन कुछ जगहों पर स्कूल शुरू हुए, कुछ जगहों पर शुरू नहीं हो पाए्। वे अपना पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं कर सके जहाँ स्कूल शुरू हुआ्। लेकिन हम लगातार विभिन्न माध्यमों से बच्चों तक पहुंचने और बच्चे की शिक्षा को नुकसान नहीं पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। राज्य के सभी छात्र जो पहली से आठवीं कक्षाओं में हैं, वे सभी छात्र जो शिक्षा के अधिकार के तहत आते हैं, उन्हें अगली कक्षा में भेजा जा रहा है। यह बात शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कही है।
महाराष्ट्र सरकार ने पहली से लेकर आठवीं तक के सभी छात्रों को बिना कोई ग्रेड दिए सामूहिक पास करके अगली क्लास में भेजने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का पालक,छात्रों ने स्वागत और प्रशंसा किया है। क्योंकि पुणे,मुंबई,ठाणे,नासिक,पिंपरी चिंचवड जैसे बडे महानगरों में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है। ऐसी परिस्थति में परीक्षा लेना किसी आत्मघाती निर्णय से कम नहीं होता। इसलिए बिना परीक्षा लिए आठवीं तक पास करने साहसिक फैसला उद्धव सरकार ने लिया।