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आयुक्त कृष्ण प्रकाश का शानदार भाषण,एक बार जरुर सुनिए

फुटबाल मंच से आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने किया जोरदार गोल
आयुक्त कृष्ण प्रकाश का शानदार भाषण,फुटबाल खिलाडी हुए फिदा
पिंपरी-जिस तरह क्रिकेट खेल को विश्वख्याति प्राप्त हुआ ठीक उसी तरह अन्य खेलों को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए्। फुटबाल खेल मैदान में आजादी के पहले भारतीय खिलाडियों ने इंग्लैंड जैसे चैम्पियन टीम को धूल चटाया था। लेकिन अफसोस के साथ कहना पडता है कि फुटबाल खेल अपने देश में पिछड गया है। जिस खेल मैदान में दर्शकों की अपार भीड़ जुटती है वह खेल बुलंदियों को छूता है उसे प्रायोजक भी मिलते है। फिर उसे किसी सरकारी संस्थान की सहायता की जरुरत नहीं होती। ऐसा मनोगत पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने व्यक्त किए्। हिन्दू सम्राट बालासाहेब ठाकरे की 95 वीं जयंती के अवसर पर कल यमुनानगर में युवा शिवसेना,सुलभा उबाले फाउंडेशन की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय फुटबॉल स्पर्धा का उद्घाटन आयुक्त कृष्ण प्रकाश के करकमलों द्धारा हुआ्। बालासाहेब ठाकरे की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके भावपूर्ण आदरांजलि अर्पित की।

अपनी कार्यशैली से आलोचक का दिल जीतो
आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने आगे कहा कि उनके पिछले 4 महीनों के कार्यकाल से शहर की जनता खुश है। कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है। यही कारण है कि मेरा आज दिव्य-भव्य सत्कार किया गया। सत्कार व्यक्ति का नहीं होता बल्कि उसके अच्छे कार्यों का सम्मान होता है। मेरा जन्मभूमि कहीं भी हुआ हो लेकिन मेरी पहचान कर्मभूमि से है। कर्तव्य का पालन करना ही धर्म है। संस्कृति के तीन धातूओं से धर्म उत्पन्न हुआ्। योग अंतिम तत्व है। आत्मा का परमात्मा से मिलन मतलब योग्। समाधि मतलब योग्। जब हम दिए गए कर्तव्यों को पूरी निष्ठा भाव से निभाते है तो हम ईश्वर के नजदीक पहुंचते है, मतलब योग्। मेरा जीवन संघर्षमय रहा। अगर कोई आलोचना करता है तो उससे विचलित नहीं होना चाहिए्। अपने कार्यों से नाकारात्मक को साकारात्मक में बदलना चाहिए्। वो आपकी आलोचना इसलिए करता है कि वो आपको नापसंद करता है,इसलिए नहीं करता कि वो आपको जानता नही्ं। इससे आप विचलित होकर बार बार गलती करने लगते हो तो दुनिया भी आपकी आलोचक बन जाती है। लेकिन आप उसकी गलत आलोचना का जवाब अपनी कार्यशैली से देते हो,तर्क से नहीं तो दुनिया आपको पूजने लगती है। हीरा तो अंधेरे में ही चमकता है। दिन में चमकने वाला तो कांच होता है। ..तुम्हें हीरे की फितरत है तो अंधेरे में मिलो,दिन में तो कांच के टूकडे भी चमकते है..ऐसी शायरी के माध्यम से युवाओं में जोश भरा और खूब तालियां बंटोरी।

फुटबाल खेल के दर्शक संख्या बढाओ,प्रायोजक मिलेंगे
आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने कहा कि हर व्यक्ति को कोई न कोई खेल खेलना चाहिए्। निरोगी रहने के लिए तंदुरुस्त रहने के लिए खेल खेलना आवश्यक है। जानवरों को पसीना नहीं आता क्यों कि उनके अंदर एटोमैटिक कूलिंग सिस्टम नहीं होता। परंतु इंसान को पसीना आता है उसके शरीर में कूलिंग सिस्टम है। हम स्नान करके शरीर को बाहरी हिस्से को साफ कर लेते है लेकिन शरीर के आंतरिक हिस्से को स्नान कराने के लिए खेल के माध्यम से पसीना निकालना जरुरी है। अपने जीवन में किसी न किसी चीज के लिए समय देते हो फिर खेल के लिए क्यों समय नहीं देते? यह एक नेचरल है। फुटबाल खेल को ऊंचाईयों तक ले जाआ,दर्शक की संख्या बढाओ, प्रायोजक भी मिलेंगे और आयोजक भी। आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने शायराना अंदाज में भाषण को विराम देते हुए कहा कि…जब भरा हो पेट तो जमाना अच्छा लगता है,खाली हो पेट तो अच्छे अच्छों का ईमान डगमगाने लगता है…

आयुक्त कृष्ण प्रकाश का भव्य सत्कार
इस अवसर पर युवासेना के अजिंक्य उबाले,आकाश सेंगर के हाथों कृष्ण प्रकाश का सम्मानचिन्ह,शाल,श्रीफल,फेटा बांधकर भव्य सत्कार किया गया। शिवसेना महिला आघाडी जिला संघटक सुलभा उबाल,सचिन सानप,आबा भोसले अनिल सोमवंशी,निगडी पुलिस थाने के वरिष्ठ पोलीस निरीक्षक गणेश जवादवाड,अंकुश जगदाले,जानी भाई,गणेश इंगवले,प्रतीक्षा घुले,निलेश हाके,संजय बोछहाडे,शिवाजीराव मोहिते,महेश डोके,शशिकला उभे,भारती चकवे आदि उपस्थित थे। अनिकेत येरुणकर,लोकेश मुचंडीकर, सार्थक दोशी,किरण वाडकर,सूरज कदम,स्वप्नील पाटोले,शंतनू खानापुरे,कौस्तुभ गोलेे,गणेश शिंदे आदि मान्यवरों ने फुटबाल स्पर्धा का आयोजन किया। आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने फुटबाल स्पर्धा का उद्घाटन करने के बाद खिलाडियों से हाथ मिलाकर जोश भरा।

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