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वैद्यकीय साहित्य खरीदी में भ्रष्टाचार,3 अधिकारियों के खाता में ठेकेदार का पैसा ट्रांसफर -तुषार कामठे


1) मुख्य आरोग्य वैद्यकीय अधिकारी अनिल रॉय के अकाउंट में 2 लाख, बायोमेडिकल इंजीनियर सुनिल लोंढे के अकाउंट में 2 लाख 45 हजार, 2 लाख 30 हजार और सुनिल बेळगावकर के खाते में 80 हजार रुपये ट्रांसफर
2) भाजपा नगरसेवक तुषार कामठे की आयुक्त को चेतावनी, 7 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे

पिंपरी: पिंपरी चिंचवड मनपा के वैद्यकीय विभाग में पिछले दो-तीन वर्षों में विभिन्न मेडिकल साहित्य खरीदी में भ्रष्टाचार हुआ है। पचास लाख का सामान 1.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया है। मनपा वैद्यकीय विभाग के मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सक अधिकारी डॉ.अनिल रॉय,बायोमेडिकल इंजीनियर सुनिल लोंढे व उपअभियंता सुनिल बेळगावकर के बैंक खाता में ठेकेदार ने पैसे ट्रांसफर किया जिसका प्रमाण भाजपा नगरसेवक तुषार कामठे ने पत्रकार परिषद में पेश किया। श्री कामठे ने यह भी आरोप लगाया कि आयुक्त श्रावण हर्डीकर को इस बारे में जानकारी दी गई और प्रकरण की जांच करने और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट में डालने की मांग की थी। मगर आयुक्त ने इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। प्रकरण को अनदेखी करके ठंडे बस्ते में डालने का काम किया। इससे लगता है कि आयुक्त अपने अधिकारियों को बचाने का काम कर रहे है और भ्रष्ट्राचार को बढावा दे रहे है। अगर 7 दिनों में आयुक्त कठोर कदम उठाते हुए कार्रवाई नहीं की तो आयुक्त के खिलाफ न्यायालय में जाऊंगा। ऐसी चेतावनी नगरसेवक तुषार कामठे ने पत्रकार परिषद में दी।
भाजपा नगरसेवक कामठे अधिकारियों पर प्रमाण सहित आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित ठेकेदार ने मुख्य आरोग्य वैद्यकीय अधिकारी अनिल रॉय के अकाउंट में 2 लाख, बायोमेडिकल इंजीनियर सुनिल लोंढे के अकाउंट में 2 लाख 45 हजार, 2 लाख 30 हजार और सुनिल बेळगावकर के खाते में 80 हजार रुपये ट्रांसफर किया गया। श्री कामठे ने कहा कि मनपा में भ्रष्ट्राचार की गंगोत्री आयुक्त से होकर गुजरती है। कार्रवाई करने के बजाए अधिकारियों को बचाने का प्रयास करते है। पिछले तीन सालों में प्रत्येक मेडिकल साहित्य खरीदी में भ्रष्ट्रचार हुआ है। साहित्य का दर निश्‍चित करते समय 1 रुपये की वस्तू की कीमत 10 रुपये तक रिंग करके ले जाया जाता है। स्पेशिफिकेशन बदलकर साहित्य ली गई। दुरुस्ती के नाम पर करोडों रुपये का गबन हुआ। ये केवल दो प्रकरण का पर्दाफाश किया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी ठेकेदार मिलकर किस तरह पालिका की तिजोरी को दिमक की तरह चाट रहे है।
नगरसेवक तुषार कामठे ने यह भी पत्रकार परिषद में कहा कि उनके ऊपर कई नगरसेवक, विधायक का दबाव डाला गया कि प्रकरण को सार्वजनिक न करुं। लेकिन जनता के पैसे की लूट बर्दाश्त नहीं करुंगा और किसी के दबाव में नहीं आऊंगा। अगर आयुक्त 7 दिनों में कार्रवाई नही करते तो उनके विरुद्ध कोर्ट में जाऊंगा।

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