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पालिका भवन में एसी फुल, आयुक्त का आदेश गुल

पिंपरी- पिंपरी चिंचवड शहर में कोरोना महामारी से चारों ओर त्राहिमान त्राहिमान मचा है। उपाय योजना के अंतर्गत पालिका आयुक्त श्रावण हर्डीकर ने मनपा भवन समेत सभी 8 क्षेत्रिय कार्यालयों में एसी (वातानुकुलित यंत्र) चालु करने पर पाबंदी लगाई है। शहरवासियों को भी सुझाव दिया कि एसी,वातानुकलित का उपयोग न करें। ठंड से कोरोना के बढने का खतरा होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने पहले लॉकडाउन के संबोधन भाषण में एसी का इस्तेमाल न करने का सुझाव दिए थे। मगर पालिका के कुछ पदाधिकारी और अधिकारी 44 डिग्री के तापमान में आयुक्त के आदेश को गुल करते हुए एसी फुल का मजा लूट रहे है। शहरवासियों को आयुक्त की बात समझ में तो आ गई, मगर उनके ही पालिका के अधिकारी, पदाधिकारी खूलेआम आदेशों की धज्जियां उडा रहे है। खुद की जान जोखिम में तो डाल ही रहे दूसरों को भी कोरोना वायरस के मुंह में धकेलने का काम कर रहे है। दीए तले अंधेरा की तर्ज पर कहना पड रहा है कि आयुक्त के नीचे अंधेरा।
आओ बताते है कि किन पदाधिकारी, अधिकारी के चेंबर में एसी फुल दिखाई दिख रही है। मुख्यालय के तीसरे मजला में विरोधी पक्षनेता नाना काटे का कार्यालय एसी के मामले में नंबर वन पर है। यहां सुबह 10-30 बजे से एसी चालु की जाती है तो शाम 6 बजे तक फुल एसी चलती है। इनके कार्यालय में अब लोग जाने से डरने लगे है। पत्रकार भी प्रेस वार्ता में जाने से बच रहे है। हलांकि नाना काटे अपने कार्यालय में रोजाना नहीं आते। कभी कभी आते है तो शाम 4 बजे के आसपास आधा एक घंटे के लिए आते है। फिर एसी कौन पूरा दिन चालु रखता है? जाहिर है कार्यालय संभालने वाले स्वीय सहायक, कर्मचारी ही होंगे। दूसरे नंबर पर सत्तारुढ नेता नामदेव ढाके का कार्यालय है। जहां फुल एसी का मजा लूटते आसानी से देखा जा सकता है। तीसरे नंबर पर महापौर का कार्यालय आता है। स्थायी समिति सभापति संतोष लोंढे और शिवसेना गुटनेता राहुल कलाटे के कार्यालय में एसी गुल रहती है। यहां आयुक्त के आदेशों का फुल पालन हो रहा है।
अगर हम बात करें पालिका अधिकारियों की तो अधिकांश बंद चेंबर वाले कार्यकारी अभियंताओं से लेकर अन्य ए ग्रेड वाले अधिकारियों के बंद चेंबर में एसी का मजा लिया जा रहा है। आज पालिका के मुख्य द्धार को पूरी तरह बंद कर दिया गया। पालिका कर्मचारियों को भी अंदर प्रवेश से रोका गया। पिछले गेट से टेंपरेचर चेकिंग के बाद ही अंदर छोडने का काम किया गया। अनावश्यक लोगों को नो एन्ट्री रही। नगरसेवकों, पदाधिकारियों के साथ बिना काम वाले कार्यकर्ता बडी तादाद में संग आते है और संभवत: संग कोरोना लेकर आए। इसी संभावना के तहत आज मुख्य प्रवेश द्धार बंद रखा गया। आयुक्त का यह निर्णय सराहनीय है प्रशंसा के योग्य है। मुख्य प्रवेश द्धार से केवल आयुक्त, प्रशासकीय अधिकारी और नगरसेवकों को ही प्रवेश मिलेगा। बाकी लोगों को दोपहर 2 बजे से पिछले गेट से चेकिंग के बाद प्रवेश दिया जाएगा। अब देखना है कि आयुक्त पालिका भवन और क्षेत्रिय कार्यालयों में शुरु एसी को बंद कराने के लिए क्या ठोस निर्णय लेते है, संबंधित पालिका कर्मचारी,अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते है? यह देखना अभी बाकी है।

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